फिल्मों में नहीं आना चाहते थे शाहरुख खान, फिर कैसे दिल्ली का आम लड़का बन गया बॉलीवुड का 'बादशाह'?
शाहरुख खान के संघर्ष और सफलता की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है. विवेक वासवानी ने हाल ही में बताया कि कैसे मुश्किल हालातों में शाहरुख ने हार नहीं मानी और ‘राजू बन गया जेंटलमैन’ से अपने सपने को साकार किया.
मुंबई: बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान आज जिस मुकाम पर हैं, वहां तक पहुंचने का रास्ता आसान नहीं था. तीन दशकों से ज्यादा समय तक फिल्मों में राज करने वाले इस एक्टर को हाल ही में उनका पहला नेशनल अवॉर्ड मिला है. लेकिन इस सफर की शुरुआत बहुत दर्द और संघर्ष से हुई थी. विवेक वासवानी ने एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे उन्होंने शाहरुख के सबसे कठिन वक्त में उनका साथ दिया था.
विवेक ने बताया कि शाहरुख उस दौर से गुजर रहे थे जब उनकी मां गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं, बहन शहनाज की जिम्मेदारी उन पर थी और गौरी से शादी करने की चाह थी. उनके पास न घर था न पैसा. फिल्मों का सपना उस समय उनके लिए बहुत दूर की बात थी.
कैसे हुई फिल्मों में शाहरुख खान की एंट्री?
विवेक ने कहा, ‘वो मेरे घर पर रहते थे, मेरे कपड़े पहनते थे. एक दिन जब हमने खाना खाया तो उन्होंने अचानक कहा, जानते हो विवेक मेरी मां मर रही हैं.’ इस एक वाक्य के साथ उन्होंने अपनी जिंदगी की सारी परेशानियां बयान कर दीं. मां की बीमारी, आर्थिक हालात और करियर की अनिश्चितता के बीच वो खुद को संभालने की कोशिश कर रहे थे.
विवेक का घर बना सहारा
विवेक वासवानी ने कहा कि उन्होंने शाहरुख को अपने घर में रहने दिया क्योंकि उन्हें कहीं और भेजने की हिम्मत नहीं हुई. दोनों ने मरीन ड्राइव पर बैठकर कॉफी पीते हुए पूरी रात बातें कीं. उस समय शाहरुख बेहद टूटे हुए थे, लेकिन उनके अंदर एक आग थी. विवेक ने याद किया कि शाहरुख अक्सर कहते थे कि एक दिन वो कुछ बड़ा करेंगे.
शाहरुख ने विवेक को अपने दोस्त रमन से मिलवाया, जो मुंबई में पायलट थे. तीनों ने साथ में वक्त बिताया, होटल के खाने का मजा लिया और जिंदगी की मुश्किलों को कुछ देर के लिए भूल गए. लेकिन यह खुशी ज्यादा देर टिक नहीं पाई. कुछ दिनों बाद दिल्ली से खबर आई कि शाहरुख की मां की हालत बिगड़ गई है. विवेक ने पैसों का इंतजाम किया और दवाइयां भेजीं. खुद भी दिल्ली पहुंचे और अस्पताल में उनकी मां से मिले.
फिल्मों से दूर रहना चाहते थे शाहरुख
दिल्ली में उस समय प्रोड्यूसर विक्रम मल्होत्रा ने शाहरुख को फिल्म का ऑफर दिया, लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया. उन्होंने कहा कि गौरी को पसंद नहीं आएगा कि वो किसी और एक्ट्रेस को गले लगाएं. वो टीवी के काम से खुश थे और फिल्मों में नहीं जाना चाहते थे. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था.