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India Daily

4 साल की जेल और 5 लाख डॉलर जुर्माना, Diddy की जिंदगी का सबसे बड़ा धक्का, सेक्स पार्टी मामले में मिली सजा

Sean 'Diddy' Combs Case: हिप-हॉप आइकन शॉन 'डिडी' कॉम्ब्स को 'फ्रीक-ऑफ' सेक्स पार्टियों में शामिल होने के आरोपों में चार साल और दो महीने की जेल की सजा सुनाई गई है. अमेरिकी संघीय न्यायालय में भारतीय मूल के जज अरुण सुब्रमण्यन ने सजा सुनाई और 500,000 डॉलर का जुर्माना भी लगाया है.

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Edited By: Babli Rautela
Sean 'Diddy' Combs Case
Courtesy: Social Media

Sean 'Diddy' Combs Case: हिप-हॉप इंडस्ट्री के दिग्गज शॉन 'डिडी' कॉम्ब्स शुक्रवार को संघीय अदालत में दोषी पाए जाने के बाद चार साल और दो महीने की जेल की सजा सुनाई गई है. मामला 'फ्रीक-ऑफ' नाम की सेक्स पार्टियों से जुड़ा है, जिनमें नशीली दवाओं के इस्तेमाल और परेशान करने वाली गतिविधियों का खुलासा हुआ था.

जुलाई में 55 साल के मेकर और उद्यमी को मान एक्ट का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया, जो वेश्यावृत्ति के लिए लोगों को राज्य की सीमाओं के पार ले जाने पर रोक लगाता है. हालांकि यौन तस्करी और रैकेट संचालित करने के आरोपों से उन्हें बरी किया गया था.

4 साल की सजा पर डिडी का बयान

सजा सुनाने से पहले कॉम्ब्स ने अदालत में अपने पिछले आचरण को 'घृणित और शर्मनाक' करार देते हुए अपने बच्चों और उन सभी से माफी मांगी, जिन्हें उन्होंने चोट पहुंचाई. उनके वकीलों ने अदालत में उनके पारिवारिक जीवन और चैरिटी कार्यों का वीडियो भी प्रस्तुत किया. डिडी के बचाव पक्ष ने यह भी तर्क दिया कि सभी घटनाएं सहमति से हुई थीं और हिरासत में रहते हुए उन्होंने संयम बरता.

अभियोजकों ने अदालत को महिलाओं और पूर्व सहयोगियों की गवाही याद दिलाई, जिन्होंने सालों तक हुए दुर्व्यवहार, नियंत्रण और हिंसा का खुलासा किया. अभियोजन पक्ष ने कहा कि डिडी का मकसद न कि केवल पैसा या प्रसिद्धि बल्कि सत्ता और नियंत्रण स्थापित करना था, .

भारतीय मूल के जज अरुण सुब्रमण्यन का बयान

अमेरिकी संघीय न्यायालय में जज अरुण सुब्रमण्यन ने डिडी को चार साल और दो महीने की जेल की सजा सुनाई. साथ ही 500,000 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना भी लगाया. जज ने डिडी से पूछा, 'यह इतने लंबे समय तक क्यों चला? क्योंकि आपके पास इसे जारी रखने की शक्ति और संसाधन थे, और क्योंकि आप पकड़े नहीं गए.'

जज ने उन महिलाओं की भी प्रशंसा की, जिन्होंने अदालत में गवाही दी और अन्य पीड़ितों को हिम्मत देने का कार्य किया.