Maharashtra Weather Alert: इस साल का पहला साइक्लोन अरब सागर में सक्रिय हो चुका है, जिसे श्रीलंका ने ‘शक्ति’ नाम दिया है. यह सिस्टम पहले लो प्रेशर एरिया के रूप में बना, फिर डीप डिप्रेशन में बदल गया और शुक्रवार सुबह 11:30 बजे तक साइक्लोन का रूप ले लिया. मौसम विभाग के अनुसार साइक्लोन शक्ति का मूवमेंट ज्यादातर तटीय इलाकों की ओर है. भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी आईएमडी ने महाराष्ट्र के लिए साइक्लोन 'शक्ति' को लेकर अलर्ट जारी किया है. अरब सागर में बना निम्न दबाव का क्षेत्र चक्रवात में बदल रहा है, जिसके चलते 3 से 7 अक्टूबर तक राज्य के कई हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश, तेज हवाएं और समुद्र में खतरनाक लहरों की आशंका जताई गई है.
आईएमडी के अनुसार उत्तर कोंकण में अगले चार दिनों तक तेज बारिश होगी, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है. वहीं विदर्भ और मराठवाड़ा के पूर्वी हिस्सों में भी भारी बारिश का अनुमान है.मौसम विभाग ने मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों को सबसे ज्यादा प्रभावित बताया है. बता दें कि अरब सागर में पहले लो प्रेशर का सिस्टम बना जो डीप डिप्रेशन में बदल गया और शुक्रवार सुबह 11:30 बजे तक इसने साइक्लोन का रूप ले लिया. साइक्लोन शक्ति का मूवमेंट ज्यादातर तटवर्ती इलाकों की तरफ हो रहा है.
आईएमडी का कहना है कि 3 से 5 अक्टूबर के बीच उत्तरी महाराष्ट्र के समुद्री तट पर हवाओं की रफ्तार 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी, जो बढ़कर 65 किलोमीटर प्रति घंटा तक जा सकती है. साइक्लोन की तीव्रता बढ़ने पर हवाएं और तेज होकर 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है. समुद्र में स्थिति बहुत खराब रहेगी, इसलिए मछुआरों को पूरी तरह से समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है. तटीय इलाकों में समुद्री पानी घुसपैठ और ज्वार-भाटा की स्थिति को देखते हुए प्रशासन सतर्क है.
D over interior Odisha and adjoining Chhattisgarh moved nearly northwards and weakened into a well marked low pressure area at 1730 hrs IST of today, the 3rd October 2025 and lay over north Chhattisgarh and adjoining areas of north interior Odisha & Jharkhand.
— India Meteorological Department (@Indiametdept) October 3, 2025
महाराष्ट्र सरकार ने सभी जिला प्रशासन को निर्देश जारी कर दिए हैं कि आपदा प्रबंधन तंत्र को सक्रिय रखा जाए और लोगों की सुरक्षा के लिए पूरी तैयारी की जाए. सरकार ने स्थानीय अधिकारियों को नागरिकों की सुरक्षित निकासी की योजना तैयार करने, समय पर एडवाइजरी जारी करने, राहत सामग्री और आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने और जलाशयों की निगरानी करने को कहा है. नागरिकों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, खासकर समुद्र तट और नदियों के किनारे न जाएं और केवल आधिकारिक मौसम व आपदा बुलेटिन पर भरोसा करें.
साइक्लोन शक्ति के 7 अक्टूबर तक असर दिखाने की संभावना है. इस दौरान भारी बारिश और तेज हवाओं से जनजीवन प्रभावित हो सकता है. कोंकण तट पर आपदा प्रबंधन टीमें और स्थानीय निकाय अलर्ट पर हैं. आईएमडी लगातार साइक्लोन की दिशा और ताकत की निगरानी कर रहा है और परिस्थितियों के अनुसार आगे चेतावनी जारी करेगा.