Ranya Rao Smuggling Case: कर्नाटक सरकार ने वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी डॉ. के. रामचंद्र राव को नागरिक अधिकार प्रवर्तन निदेशालय में पुलिस महानिदेशक (DGP) के पद पर बहाल कर दिया है. कुछ महीने पहले बेटी रान्या राव से जुड़ी सोने की तस्करी की चल रही जांच के सिलसिले में अनिवार्य अवकाश पर भेजा गया था.
सोमवार यानी 11 अगस्त 2025 को जारी एक सरकारी अधिसूचना में बताया गया कि 1993 बैच की IPS अधिकारी राव के अनिवार्य अवकाश आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया है.
कर्नाटक पुलिस आवास निगम के तत्कालीन प्रमुख रामचंद्र राव को मार्च में अपनी बेटी रान्या राव की बेंगलुरु हवाई अड्डे पर गिरफ्तारी के बाद अनिवार्य अवकाश पर जाने का निर्देश दिया गया था. DRI ने रान्या राव पर आरोप लगाते हुए बताया कि वह दुबई से 14.2 kg सोने की तस्करी करते हुए अरेस्ट किया था. अधिकारियों ने दावा किया कि उनके साथ IPS अधिकारियों के प्रोटोकॉल कर्तव्यों के लिए नियुक्त एक पुलिस कांस्टेबल भी था.
कांस्टेबल ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसे राव के विदेश दौरे से लौटने पर उनका स्वागत करने के स्थायी निर्देश मिले हैं, लेकिन उसने सोने की तस्करी के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया. तीन केंद्रीय एजेंसियां - डीआरआई, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ID) - राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए मामले की जांच कर रही हैं.
वर्तमान में जेल में बंद रान्या ने तस्करी में अपने पिता की किसी भी भूमिका से इनकार किया है. 6 मार्च को डीआरआई के अतिरिक्त महानिदेशक को बेंगलुरु केंद्रीय कारागार के मुख्य अधीक्षक के माध्यम से भेजे गए एक पत्र में, उसने दावा किया कि उसे गलत तरीके से फंसाया गया और गिरफ्तारी के दौरान उसके साथ मारपीट की गई.
उसने आरोप लगाया कि उसे विमान में ही पकड़ लिया गया, कई बार थप्पड़ मारे गए और धमकी दी गई कि अगर उसने पहले से तैयार दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं किए तो उसके पिता का नाम उजागर कर दिया जाएगा. पत्र में दावा किया गया है कि उसने बिना किसी औपचारिक जब्ती मुकदमे के, दबाव में 50-60 टाइप किए हुए पन्नों और 40 खाली पन्ने पर हस्ताक्षर किए.
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि दिल्ली के कुछ लोग, जो अधिकारी बताए जा रहे हैं, स्पष्ट रूप से कुछ अन्य यात्रियों को बचाना चाहते थे और उन्होंने मुझे झूठा फंसाया.