Naseeruddin Shah Birthday: बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर नसीरुद्दीन शाह, जिन्हें उनके बेमिसाल अभिनय और बेबाक राय के लिए जाना जाता है, आज 20 जुलाई 2025 को अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं. 'मासूम', 'सरफरोश', 'ए वेडनेसडे', 'डर्टी पिक्चर' और 'उमराव जान' जैसी फिल्मों में अपनी अभिनय कला से दर्शकों का दिल जीतने वाले नसीरुद्दीन शाह न केवल अपने पेशेवर जीवन, बल्कि निजी जिंदगी को लेकर भी हमेशा चर्चा में रहे हैं. उनके जन्मदिन के मौके पर, आइए जानते हैं उनके जीवन की कुछ अनकही कहानियां, खासकर उनके पिता के साथ उनके जटिल रिश्तों और भावनात्मक क्षणों के बारे में.
नसीरुद्दीन शाह का जन्म 20 जुलाई 1950 को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में हुआ था. उनके पिता, अली मोहम्मद शाह, एक तहसीलदार थे और चाहते थे कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर अफसर बनें. नसीर ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन पूरा किया, लेकिन उनका दिल हमेशा अभिनय में था. इसके लिए उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला लिया. हालांकि, यह फैसला उनके पिता को बिल्कुल पसंद नहीं था. नसीर के दो बड़े भाईयों में से एक आर्मी ऑफिसर और दूसरा इंजीनियर बन चुका था, लेकिन नसीर का रुझान क्रिकेट, थिएटर और फिल्मों की ओर था. उनके पिता उनकी पढ़ाई और कम नंबरों को लेकर हमेशा नाराज रहते थे.
नसीरुद्दीन शाह के पिता, अली मोहम्मद, उनके अभिनय के सपनों के सख्त खिलाफ थे. भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान, नसीर के दादा और चाचा ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया, लेकिन उनके पिता ने भारत में रहने का फैसला लिया. इस पारिवारिक पृष्ठभूमि में, नसीर के पिता का सपना था कि उनका बेटा एक सम्मानजनक पेशे में जाए. लेकिन नसीर ने अपने सपनों को चुना और एनएसडी में दाखिला लेने के लिए घर से दूरी बना ली. इस फैसले ने उनके पिता के साथ उनके रिश्तों में गहरी खाई पैदा कर दी. नसीर ने कई साक्षात्कारों में स्वीकार किया है कि उनके पिता की सख्ती और उनकी सोच ने उनके रिश्ते को तनावपूर्ण बना दिया.
नसीरुद्दीन शाह की जिंदगी का सबसे मार्मिक क्षण तब आया जब उनके पिता का निधन हो गया. उस समय वह अपनी व्यस्तताओं और तनावपूर्ण रिश्तों के चलते उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके. इस बात का उन्हें आजीवन अफसोस रहा. बाद में, नसीर अपने पिता की कब्र पर गए और वहां घंटों बैठकर उनसे 'बातें' करते रहे. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया, 'मैंने अपनी सारी बातें, अपने दिल का बोझ, अपनी गलतियों का पश्चाताप, सब कुछ उनकी कब्र पर बैठकर कहा. मुझे लगा जैसे कोई मुझे सुन रहा हो.' यह पल नसीर के लिए बेहद भावनात्मक था, और यह उनके पिता के साथ उनके जटिल रिश्ते को दर्शाता है.
नसीरुद्दीन शाह ने युवावस्था में अपने सपनों को पूरा करने के लिए घर छोड़ दिया था. इस फैसले में उनके भाईयों ने उनका साथ दिया, लेकिन उनके पिता की नाराजगी ने उनके रिश्ते को और जटिल बना दिया. नसीर ने कई बार स्वीकार किया कि घर छोड़ने का फैसला उनके लिए आसान नहीं था, और इसके लिए उन्हें आज भी अपराधबोध होता है. उन्होंने कहा, 'मैं अपने पिता की इच्छाओं का सम्मान नहीं कर सका, और यह बात मुझे हमेशा सालती रहेगी.'