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किशोर कुमार का पुश्तैनी बंगला बना खंडहर फिर भी हर महीने क्यों आता है बिजली का बिल? वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

Kishore Kumar Birth Anniversary: मध्य प्रदेश के खंडवा में किशोर कुमार का पुश्तैनी बंगला, जहां इस हरफनमौला कलाकार ने जन्म लिया, आज खंडहर की शक्ल ले चुका है. नगर निगम ने इसे कंडम घोषित कर दिया है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि इस बंगले में आज भी बिजली का कनेक्शन एक्टिव है. यह कनेक्शन किशोर कुमार के पिता कुंजीलाल गांगुली के नाम पर दर्ज है.

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Edited By: Babli Rautela
Kishore Kumar Birth Anniversary
Courtesy: Social Media

Kishore Kumar Birth Anniversary: खंडवा में किशोर कुमार का जन्मस्थान आज खंडहर में तब्दील हो चुका है, लेकिन इसकी कहानी आज भी जीवंत है. बिजली का बिल और चौकीदार की निष्ठा इस बंगले को किशोर दा की यादों से जोड़े रखती है.

मध्य प्रदेश के खंडवा में किशोर कुमार का पुश्तैनी बंगला, जहां इस हरफनमौला कलाकार ने जन्म लिया, आज खंडहर की शक्ल ले चुका है. नगर निगम ने इसे कंडम घोषित कर दिया है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि इस बंगले में आज भी बिजली का कनेक्शन एक्टिव है. यह कनेक्शन किशोर कुमार के पिता कुंजीलाल गांगुली के नाम पर दर्ज है. जैसे ही सूरज ढलता है, बंगले का बरामदा रोशनी से जगमगा उठता है, मानो किशोर दा की मधुर आवाज की गूंज आज भी यहां बरकरार हो.  

आज भी आता है किशोर कुमार के बंगले का बिल

इस बंगले की देखरेख पिछले 60 सालों से 80 साल के सीताराम सावनेर कर रहे हैं. वे बरामदे में ही रहते हैं और अपनी जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा से निभाते हैं. सीताराम बताते हैं, 'मैं रात में यहीं रहता हूं. एक पंखा और बल्ब लगाया है, जिसके लिए बिजली का बिल आता है. पिछले महीने 200 रुपये का बिल आया, जिसे मेरी पगार से चुकाया गया.' किशोर कुमार के भतीजे अर्जुन कुमार उन्हें हर महीने सात हजार रुपये की पगार देते हैं. बंगले का सालाना टैक्स भी परिवार द्वारा समय-समय पर जमा किया जाता है, जो नगर निगम के रिकॉर्ड में कुंजीलाल गांगुली के नाम पर दर्ज है.  

बंटवारे में बंटा पुश्तैनी बंगला  

किशोर कुमार का यह बंगला दो हिस्सों में बंट चुका है. इसका 75 प्रतिशत हिस्सा किशोर दा के भाई अनूप कुमार के बेटे अर्जुन कुमार के पास है, जबकि शेष हिस्सा किशोर कुमार के बेटे सुमित कुमार के नाम है. सीताराम ने बताया कि जब भी अर्जुन खंडवा आते हैं, वे बंगले की स्थिति पर चर्चा करते हैं. लेकिन जर्जर हालत के कारण यह बंगला अब रहने योग्य नहीं रहा.

किशोर कुमार की गायकी और अभिनय ने लाखों दिलों को जीता, और उनका यह बंगला उनकी सादगी और जड़ों से जुड़ाव का प्रतीक है. भले ही बंगला खंडहर बन गया हो, लेकिन सीताराम की चौकीदारी और बिजली के बिल की यह अनोखी कहानी किशोर दा की यादों को जीवित रखती है.