नई दिल्ली: इतिहास के पन्नों को बड़े पर्दे पर कैसे लाना है ये कोई संजय लीला भंसाली से सीखे. उनकी हर फिल्म इतिहास के उस सच को उजागर करती है जिससे बहुत कम लोग रूबरू होते हैं. भंसाली की मोस्ट अवेटेड सीरीज 'हीरामंडी' कल 1 मई को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है. ऐसे में आज हम आपको इस सीरीज के एक किरदार से रूबरू कराते हैं जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है.
हीरामंडी में सोनाक्षी सिन्हा, मनीषा कोइराला, ऋचा चड्ढा, अदिति राव हैदरी, शर्मिन सहगल, संजीदा शेख जैसे सितारे नजर आ रहे हैं. आज हम आपको हीरामंडी की बिब्बोजान के बारे में बताएंगे जो कि भले ही पेशे से तवायफ हैं लेकिन उनके अंदर एक देश प्रेम की लौह जल रही हैं जिसके लिए वह ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपनी आवाज उठाती हैं.
अदिति राव हैदरी जो कि फिल्म में मल्लिकाजान(मनीषा कोइराला) की सबसे बड़ी बेटी बिब्बोजान के रोल में नजर आ रही हैं. बिब्बोजान जो कि तवायफ है लेकिन इसके साथ ही वह एक क्रांतिकारी भी हैं. सीरीज में अदिति की मासूमियत आपका दिल न जीत ले तो कहना..हीरामंडी में अदिति की जुबान कम और आंखों ज्यादा बात करती दिखाई देती हैं.
बिब्बोजान, जो कि ब्रिटिश शासन के सामने भारत की आजादी की आवाज बनती है और अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ती है. इसके लिए उसको कई बार ब्रिटिश अधिकारी के सामने अपनी इज्जत भी दांव पर लगानी पड़ती है और वो ऐसा करती भी है. उसके मन में देश की आजादी के सिवा कुछ नहीं चलता है. बिब्बोजान के अंदर बहुत प्यार और दृढ़ता है जिसका वह पूरा इस्तेमाल करती है.
बिब्बोजान एक ऐसा किरदार है जिसको हर किसी का दर्द दिखता है और दूसरों का दर्द कम करने के लिए अपने बारे में भी नहीं सोचती हैं. बिब्बोजान जो कि हीरामंडी में सबके हित के बारे में सोचती है. अपनी छोटी बहन आलमजेब की हर ख्वाहिश को पूरा करती है उसको चुपके से किताब तक दिलाती है. ये जानने के बावजूद की जब उसकी मां मल्लिकाजान को पता चलेगा तो वो उसके साथ क्या करेगी.
अपनी मां के कहने पर अपने प्यार की भी बलि दे देती है. अदिति राव को जब आप हीरामंडी में देखेंगे तो आपको कहीं भी अदिति राव हैदरी नहीं दिखेंगी, क्योंकि बिब्बोजान ने अपनी छाप ही ऐसी छोड़ी है कि आपको ढूढ़ने से भी अदिति राव हैदरी फिल्म में नहीं दिखेंगी. इसमें अदिति राव हैदरी का रूप आपको उनका दीवाना बना देंगी. अदिति ने अपने रोल के साथ पूरी तरह से जस्टिस किया है.