मुंबई: बॉलीवुड एक्ट्रेस दीया मिर्जा 9 दिसंबर यानी आज अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं. दीया हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का जाना माना नाम हैं और अपनी खूबसूरती तथा सादगी से लोगों का दिल जीत चुकी हैं. हालांकि अपनी फिल्मों से ज्यादा दीया अपनी पर्सनल लाइफ और खासकर अपने सरनेम को लेकर हमेशा चर्चा में रही हैं. लोगों के मन में यह सवाल हमेशा से रहा है कि जब उनकी मां हिंदू और पिता क्रिश्चियन थे, तो उन्होंने मुस्लिम सरनेम क्यों लगाया. इस सवाल ने लंबे समय तक उनके फैन्स को कंफ्यूज किया है.
दीया मिर्जा का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ जहां उनकी मां हिंदू थीं और पिता क्रिश्चियन थे. दोनों के संस्कार और संस्कृति मिली जुली थी, लेकिन दीया के जीवन में एक बड़ा बदलाव तब आया जब उनके माता पिता अलग हो गए. उस समय दीया काफी छोटी थीं और उनकी दुनिया पूरी तरह बदल गई थी. मां के अलग होने के बाद उनकी जिंदगी में एक नई शख्सियत की एंट्री हुई. दीया की मां ने बाद में अहमद मिर्जा से शादी की. अहमद मिर्जा हैदराबादी मुस्लिम थे और दीया के सौतेले पिता बने.
कुछ ही समय में दीया अपने सौतेले पिता अहमद मिर्जा के बहुत करीब आ गईं. अहमद ने दीया को अपना पूरा प्यार और सपोर्ट दिया और दीया ने भी हमेशा उन्हें अपने पिता की तरह सम्मान दिया. समय के साथ उनका रिश्ता और मजबूत होता गया. यही वजह थी कि जब दीया ने मिस इंडिया कॉम्पटिशन में हिस्सा लिया, तो उन्होंने अपने सौतेले पिता का सरनेम अपने नाम के साथ जोड़ लिया. इस फैसले ने उनकी पहचान को नया रूप दिया और वह दीया मिर्जा के नाम से जानी जाने लगीं.
बॉलीवुड में आते ही दीया अपनी मासूमियत, सौम्यता और खूबसूरती से दर्शकों की पसंद बन गईं. फिल्मों में उनका करियर अच्छा रहा और लोग आज भी उन्हें प्यार और सम्मान से याद करते हैं. कई लोग आज भी सोचते हैं कि उनका मुस्लिम सरनेम किस वजह से है, जबकि परिवारिक पृष्ठभूमि अलग है. लेकिन अब यह साफ हो जाता है कि दीया ने सरनेम अपने सौतेले पिता के सम्मान और प्यार में अपनाया था. दीया मिर्जा अपनी निजी जिंदगी से जुड़ी इस सच्चाई को हमेशा गर्व से बताती हैं.