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India Daily

दिल्ली हाईकोर्ट ने कन्हैया लाल हत्याकांड पर बनी फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज पर लगाई रोक, दिया ये आदेश

फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है. यह फैसला फिल्म की प्रस्तावित रिलीज से ठीक एक दिन पहले आया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं को पहले केंद्र सरकार से राहत लेनी चाहिए थी. अब जब तक केंद्र सरकार पुनर्विचार याचिका पर फैसला नहीं देती, तब तक फिल्म रिलीज नहीं हो सकेगी. फिल्म 2022 में उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की हत्या की घटना पर आधारित है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: web

फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' 11 जुलाई को रिलीज होने वाली थी, लेकिन उससे एक दिन पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट ने उस पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है. कोर्ट का यह आदेश फिल्म के निर्माताओं के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि याचिकाकर्ताओं को पहले केंद्र सरकार से संपर्क करना चाहिए था. अदालत ने याचिकाकर्ताओं को दो दिन का समय दिया है, ताकि वे केंद्र सरकार के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर कर सकें.

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक केंद्र सरकार इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लेती, तब तक फिल्म को रिलीज नहीं किया जा सकता. इस बीच, फिल्म निर्माताओं को कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा और सरकार की समीक्षा प्रक्रिया का इंतजार करना होगा.

याचिकाकर्ताओं ने क्या कहा?

इस फिल्म के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर करने वालों ने कहा कि फिल्म की रिलीज से उनके मुकदमे की निष्पक्ष सुनवाई प्रभावित हो सकती है. याचिकाकर्ता इस केस के आरोपी हैं, जिनका कहना है कि फिल्म में जिस तरह से घटनाओं को दिखाया गया है, उससे उनके खिलाफ जनभावना भड़क सकती है और न्यायिक प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है.

कोर्ट ने भी इस तर्क को गंभीरता से लिया और कहा कि याचिकाकर्ताओं ने जो चिंता जताई है, वह वाजिब है. साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि चूंकि केंद्र सरकार से उपलब्ध उपायों का याचिकाकर्ताओं ने उपयोग नहीं किया, इसलिए अब उन्हें दो दिन का समय दिया जा रहा है ताकि वे वहां से राहत मांग सकें. तब तक फिल्म की रिलीज पर रोक लगी रहेगी.

क्या है उदयपुर हत्याकांड?

यह फिल्म जून 2022 में राजस्थान के उदयपुर में हुई कन्हैयालाल हत्याकांड की पृष्ठभूमि पर आधारित है. दर्जी कन्हैयालाल की हत्या दो लोगों- मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस द्वारा की गई थी. उन्होंने हत्या के बाद एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें दावा किया गया था कि यह हत्या कन्हैयालाल द्वारा नुपुर शर्मा की एक टिप्पणी के समर्थन में की गई सोशल मीडिया पोस्ट के कारण की गई.

इस पूरे मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा की गई थी. आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) के अलावा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत केस दर्ज किया गया था. यह मुकदमा फिलहाल जयपुर की एक स्पेशल कोर्ट में चल रहा है. इसी मामले पर आधारित फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, और अब जब तक कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक फिल्म की रिलीज नहीं हो सकेगी.