Deepika Padukone Hijab Video: हिजाब में दिखीं दीपिका पादुकोण तो सोशल मीडिया में आया भूकंप, जानें क्यों हो रहा विवाद?

Deepika Padukone Hijab Video: दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह का अबू धाबी का विज्ञापन सोशल मीडिया पर चर्चा में है. दीपिका के हिजाब पहनने और विज्ञापन के भारत विरोधी होने के आरोपों पर नेटिजन्स ने अपना रिएक्शन दिया हैं. इस लेख में जानें फैन्स की तारीफ और ट्रोलिंग, और वीडियो की पूरी कहानी.

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Babli Rautela

Deepika Padukone Hijab Video: दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह ने अबू धाबी में एक विज्ञापन शूट किया है, जिसमें वे शहर की खूबसूरती और संस्कृति की तारीफ करते दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में रणवीर कहते हैं, '90 ईस्वी... क्या आप 90 ईस्वी में इतनी बारीकी की कल्पना कर सकते हैं? कभी-कभी मैं सोचता हूं, अगर मेरी मूर्ति बनाई जाए तो मेरा पोज़ कैसा होगा.' इसके जवाब में दीपिका कहती हैं, 'आप निश्चित रूप से किसी संग्रहालय में होने के लायक हैं.'

वीडियो में दीपिका हिजाब और अबाया पहनकर प्रतिष्ठित शेख जायद ग्रैंड मस्जिद जाती हैं, और रणवीर शेरवानी में मौजूद हैं. दोनों कलाकार वहां की परंपराओं और पवित्रता का सम्मान करते दिखाई देते हैं.

दीपिका पादुकोण की फोटो पर रिएक्शन

कुछ नेटिजन्स ने दीपिका और रणवीर की तारीफ की. एक ने लिखा, 'वह निश्चित रूप से हिजाब में अब तक देखी गई सबसे खूबसूरत महिला हैं.' दूसरे ने लिखा, 'सबसे हैंडसम रणवीर और सबसे प्यारी दीपिका.' तीसरे ने कमेंट करते हुए लिखा, 'ओह दीपिका, अबाया में आप बहुत खूबसूरत लग रही हैं.' एक और ने कमेंट करते हुए लिखा, 'कभी नहीं सोचा था कि दीपिका को अबाया में देख पाऊंगा. बिल्कुल शानदार.'

 वहीं, कुछ लोग दोनों कलाकारों की आलोचना भी कर रहे हैं. एक ने कमेंट करते हुए लिखा, 'इतना काम भारत के लिए करते यहीं लोग तो भारत देश काफ़ी आगे निकल जाता है.' दूसरे ने लिखा, 'मुझे नहीं लगता कि उन्होंने कभी भारत को इस तरह प्रेरित किया होगा.' तीसरे ने लिखा, 'जितने भी सेलिब्रिटी हैं इंडिया को प्रमोट क्यों नहीं करते.' किसी ने लिखा, 'बहुत निराश हूं. पैसों के लिए वे कोई भी धर्म अपना सकते हैं.' कई लोग दीपिका की ‘माई चॉइस’ पहल का जिक्र करते हुए सवाल कर रहे हैं कि क्या अब हिजाब पहनना उनकी पसंद का हिस्सा है या केवल व्यावसायिक निर्णय.

सोशल मीडिया पर बहस

वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर बहस तेज है. कुछ लोग इसे कला और पेशेवर निर्णय मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे देशभक्ति और धर्म-संवेदनशीलता के नजरिए से देख रहे हैं.