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बस एक टेलीविजन रोल और लोगों के दिल में बस गए अरुण गोविल, जानें उनके जीवन के दिलचस्प किस्से

Arun Govil Birthday: रामायण सीरियल में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल का जन्म 12 जनवरी 1958 को हुआ था. ऐसा बताया जाता है कि सीरियल में राम के लिए अरुण गोविल रामानंद सागर की पहली पसंद नहीं थे.

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Edited By: Suraj Tiwari
arun govil

हाइलाइट्स

  • 80 के दशक में रामायण के लेकर लोगों में गजब का था उत्साह
  • राम के रुप में पहली पसंद नहीं थे अरुण गोविल
  • पिता चाहते थे बेटा ज्वाइन करे सिविल सविसेज
  • इस घटना के बाद अरुण गोविल ने कभी नहीं पी सिगरेट
  • चरणों में गिर पड़ते थे लोग

Arun Govil Birthday: भारत में फिल्मी स्टार तो बहुत हुए और इन स्टार्स के पीछे बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग देखने को मिलती है. हालांकि टेलीविजन की दुनिया में भी कई स्टार हुए. जिसमें से सबसे ज्यादा दर्शकों द्वारा प्यार, सम्मान और इज्जत मिली, वो हैं 'रामायण' सीरियल के 'भगवान राम'  यानी अरुण गोविल.

80 के दशक में रामायण के लेकर लोगों में गजब का था उत्साह

ये टेलीविजन स्टार उस दौर का है जब भारत में टेलीविजन बहुत कम हुआ करते थे. उस समय आज की तरह बिजली भी नहीं थी. लेकिन फिर भी मशहूर डॉयरेक्टर 'रामानंद सागर' की बनाई हुई रामायण के प्रति लोगों में दिवानगी खुब देखने को मिलती थी. रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को इस धारावाहिक के बाद अद्भुत सम्मान और प्यार मिला. इस धारावाहिक के बाद अरुण गोविल को लोग भगवान राम के वास्तविक रूप में देखने लगे.

राम के रुप में पहली पसंद नहीं थे अरुण गोविल 

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जाता है कि रामायण धारावाहिक के लिए अरुण गोविल को पहले रामानंद साागर ने कास्ट नहीं किया था. अरुण गोविल ने खुद इसको लेकर एक इंटरव्यू में कहा था कि उनको रामानंद सागर ने ऑडिशन लेने के बाद रिजेक्ट कर दिया था. हालांकि ऑडिशन के कुछ दिनों बाद उनके पास मेकर्स की ओर से फोन आया और उन्हें बताया गया कि आपको राम के किरदार के लिए कास्ट किया गया है. जबकि अरुण गोविल को राम के रोल के पहले लक्ष्मण और भरत के रोल के लिए रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर, मोती सागर और आनंद सागर की ओर ऑफर हुआ था. लेकिन अरुण राम के किरदार को करना चाहते थे इसलिए उन्होंने भरत या लक्ष्मण का किरदार निभाने से साफ इनकार कर दिया था.

पिता चाहते थे बेटा ज्वाइन करे सिविल सविसेज

यूपी के मेरठ के रहने वाले अरुण गोविल ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. उनके पिता चाहते थे कि अरुण सिविल सर्विसेज में जाए. लेकिन अरुण गोविल 1975 में अपने भाई के बिजनेस में हाथ बटाने के लिए मुंबई पहुंचे. जहां उनको काम करने में मजा नहीं आया तो उन्होंने सिनेमा के दुनिया में काम करना शुरू कर दिया. हालांकि अरुण अपने कॉलेज के दिनों में भी थिएटर किया करते थे. जिसके वजह से उनको 1977 में फिल्म 'पहेली' में काम करने का मौका मिला. जिसके बाद उन्होंने 'सावन' फिल्म में काम किया. सावन फिल्म ने अरुण को सिनेमा में अच्छा फेम दिलवाया. इसी कड़ी में अरुण 1985 में रामानंद सागर के शो 'विक्रम-बैताल' में काम किया. इसमें अरुण ने मुख्य भूमिका निभाई थी.

इस घटना के बाद अरुण गोविल ने कभी नहीं पी सिगरेट

रामायण धारावाहिक में भगवान राम का किरदार निभाने के वजह से अरुण गोविल के जीवन में भी काफी बदलाव आया. एक बार अरुण गोविल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि राम के किरदार के बाद लोगों का इतना प्यार मिला कि उनकी जिंदगी बदल गई. एक बार सेट पर ही एक व्यक्ति उनको सिगरेट पीते हुए देख लिया. जिसके बाद उस व्यक्ति ने अरुण को कड़ी फटकार लगाई. उसने कहा कि आप भगवान है आप ये काम करते है तो हम लोग कैसे आपको भगवान मानेंगे. इसके बाद से अरुण गोविल ने सिगरेट पीना छोड़ दिया.

चरणों में गिर पड़ते थे लोग

इतना ही नहीं अरुण गोविल का एक हॉल ही में वीडियो सामने आया था. जिसमें एक महिला उनके चरणों में नजर आई थी. अरुण गोविल ने इसको लेकर ये बताया कि ये पहला वाक्या नहीं बल्कि इस तरह के कई किस्से हुए हैं. लोग उनको भगवान राम मानकर उनको इसी प्रकार आदर से प्रमाण करते हैं.