Turkey and Azerbaijan Artists Visa Ban: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच ऑल इंडियन सिने वर्कर्स एसोसिएशन (AICWA) ने तुर्की और अजरबैजान के कलाकारों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है. AICWA ने इन दोनों देशों का भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में पूरे बहिष्कार करने का ऐलान किया है. संगठन ने तुर्की और अज़रबैजानी कलाकारों के लिए तत्काल वीजा पर बैन लगाने की अपील की है और लोगों से इस फैसले का साथ देने के लिए कहा है. यह कदम तुर्की और अजरबैजान के पाकिस्तान के प्रति समर्थन और भारत के खिलाफ उनकी कथित नीतियों के जवाब में उठाया गया है.
पाकिस्तान का सपोर्ट कर बुरा फंसे तुर्की और अजरबैजान
AICWA ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री जिसमें बॉलीवुड और क्षेत्रीय सिनेमा शामिल हैं, को तुर्की और अजरबैजान के साथ किसी भी तरह के पेशेवर या व्यक्तिगत संबंध तोड़ने चाहिए. संगठन ने यह भी मांग की है कि इन देशों के कलाकारों, निर्माताओं और अन्य रचनात्मक पेशेवरों के साथ सहयोग पूरी तरह बंद किया जाए. इसके अलावा AICWA ने मौजूदा अनुबंधों की समीक्षा करने और जहां संभव हो, उन्हें रद्द करने का निर्देश दिया है. संगठन ने चेतावनी दी है कि इस निर्देश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
Press Release
— All Indian Cine Workers Association (@AICWAOfficial) May 15, 2025
Date: 15-05-2025
AICWA Demands Immediate Visa Cancellation and Visa Ban for Turkish and Azerbaijani Artists in India
Mumbai, India — The All Indian Cine Workers Association (AICWA) has announced a “Complete Boycott of Turkey and Azerbaijan” in a strong display of… pic.twitter.com/iJ9I9WAZyJ
AICWA ने भारतीय दर्शकों से भी अपील की है कि वे तुर्की और अज़रबैजानी कलाकारों की फिल्मों, गानों और शो का बहिष्कार करें. संगठन का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय हितों और देश की गरिमा की रक्षा के लिए जरूरी है. बता दें कि तुर्की में कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हुई है, जिनमें 'एक था टाइगर', 'रेस 2', 'दिल धड़कने दो' और 'पठान' जैसी फिल्में शामिल हैं.
अब भारत में एक्टर्स के लिए दरवाजे हुए बंद!
यह फैसला भारत-पाकिस्तान तनाव के बाद तुर्की और अजरबैजान के पाकिस्तान समर्थक रुख के कारण लिया गया है. AICWA ने भारत सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े फैसलों का समर्थन करते हुए यह कदम उठाया है. संगठन का मानना है कि यह बहिष्कार भारतीय फिल्म उद्योग और दर्शकों के लिए देशभक्ति का एक कदम है.