Aap Jaisa Koi Movie Review: नेटफ्लिक्स की नई फिल्म 'आप जैसा कोई' एक अनोखी प्रेम कहानी पेश करती है, जिसमें बराबरी और मध्यम आयु के रोमांस जैसे विषयों को छुआ गया है. आर माधवन और फातिमा सना शेख की मुख्य भूमिकाओं वाली यह फिल्म निर्देशक विवेक सोनी की कोशिश है, जो पुराने जमाने के रोमांस को आधुनिक नजरिए से पेश करती है. लेकिन क्या यह फिल्म अपने उद्देश्य में पूरी तरह सफल हो पाई? आइए जानते हैं.
आर माधवन और फातिमा सना शेख की जोड़ी में है दम
फिल्म की कहानी श्रीरेनु त्रिपाठी (आर माधवन) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो 42 साल का एक संस्कृत प्रोफेसर है. वह शर्मीला अविवाहित और पितृसत्तात्मक परिवार से ताल्लुक रखता है. उसकी जिंदगी में मधु बोस (फातिमा सना शेख) की एंट्री होती है, जो एक स्वतंत्र और बिंदास फ्रेंच टीचर है. दोनों की मुलाकात एक डेटिंग ऐप के जरिए होती है और धीरे-धीरे प्यार की शुरुआत होती है. लेकिन जब परिवार और सामाजिक रूढ़ियां बीच में आती हैं, तो कहानी में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं.
माधवन ने श्रीरेनु के किरदार को बखूबी निभाया है. उनकी सादगी और भावनात्मक गहराई दर्शकों को बांधती है. फातिमा भी मधु के किरदार में जान डालती हैं, लेकिन कुछ जगहों पर उनकी बंगाली बोली पूरी तरह प्रभावी नहीं लगती. दोनों की केमिस्ट्री शुरू में आकर्षक है, लेकिन कहानी के टकराव वाले हिस्सों में यह थोड़ी कमजोर पड़ती है. सहायक कलाकारों में आयशा रजा और मनीष चौधरी ने भी शानदार अभिनय किया है.
कहानी कई बार भटकती नजर आती है
फिल्म की खासियत इसका संदेश है, जो पितृसत्ता पर सवाल उठाता है और बराबरी वाले प्यार की वकालत करता है. लेकिन कहानी कई बार भटकती नजर आती है. यह शुरू में हल्की-फुल्की और रोमांटिक है, लेकिन बाद में उपदेशात्मक हो जाती है, जो दर्शकों को थोड़ा खटक सकता है. म्यूजिक और सिनेमैटोग्राफी ठीक-ठाक हैं, लेकिन कुछ गाने और दृश्य ज्यादा प्रभावशाली नहीं हैं.
हल्की-फुल्की रोमांटिक ड्रामा है फिल्म
कुल मिलाकर 'आप जैसा कोई' एक ऐसी फिल्म है, जो दिल को छूती है, लेकिन अपनी कमजोर स्क्रिप्ट और भटकाव की वजह से पूरी तरह यादगार नहीं बन पाती. अगर आप माधवन और फातिमा के फैन हैं या हल्की-फुल्की रोमांटिक ड्रामा देखना चाहते हैं, तो इसे एक मौका दे सकते हैं. यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है.