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Lok Sabha Elections 2024: अन्नामलाई पर BJP क्यों कर रही है इतना भरोसा, क्या तमिलनाडु के लोग जताएंगे विश्वास?

Lok Sabha Elections 2024: तमिलनाडु की सीट पर दो बार जीत दर्ज करने वाली भाजपा ने इस बार यहां से तमिलनाडु भाजपा चीफ अन्नामलाई को मैदान में उतारा है. माना जाता है कि अन्नामलाई पीएम मोदी और अमित शाह के काफी भरोसेमंद है. शायद यही वजह है कि 39 साल की उम्र में उन्हें तमिलनाडु भाजपा का चीफ बना दिया गया था.

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Why BJP trust on Annamalai Tamil Nadu voting updates

Lok Sabha Elections 2024: 15 अप्रैल 2024... पीएम मोदी ने तमिलनाडु भाजपा चीफ 39 साल के अन्नामलाई की तारीफ करते हुए कहा कि वे यूथ्स को आकर्षित कर रहे हैं. वे अच्छे नेता हैं, स्पष्टवादी हैं, युवा हैं. उन्होंने राजनीति के लिए IPS की नौकरी छोड़ दी. कहा जाता है कि पीएम मोदी ने ऐसे ही न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में अन्नामलाई की तारीफ नहीं की. अन्नामलाई को पीएम मोदी का भरोसेमंद भी कहा जाता है. शायद इसी भरोसे के कारण अन्नामलाई को भाजपा ने न सिर्फ तमिलनाडु की जिम्मेदारी सौंपी, बल्कि उन्हें हाईप्रोफाइल सीट कोयंबटूर से अपना उम्मीदवार भी बनाया.

ये वो सीट है, जहां 1998 में एक के बाद एक 11 बम धमाके हुए थे, जिसमें 58 लोगों की मौत हुई थी. कहा जाता है ये धमाके भाजपा के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी को निशाना बनाने के लिए कराए गए थे. उस दौरान आडवाणी तमिलनाडु में प्रचार कर रहे थे. 

इस सीट पर अन्नामलाई का मुकाबला AIADMK के नेता जी. रामचंद्रन और DMK के नेता गणपति पी. राजकुमार से होगा. इस सीट पर भाजपा को पहले 2 बार (1998 और 1999) जीत मिल चुकी है.

कौन हैं के अन्नामलाई?

तमिलनाडु के करूर जिले से आने वाले अन्नामलाई कुप्पुसामी 25 अगस्त 2020 को भाजपा में शामिल होते हैं. करीब एक साल बाद यानी 9 जुलाई 2021 को उन्हें भाजपा तमिलनाडु का चीफ बनाया जाता है. इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अन्नामलाई को पार्टी अरवाकुरुच्ची सीट से अपना प्रत्याशी बनाती है, लेकिन उन्हें 24 हजार से ज्यादा वोटों से अन्नामलाई को हार का सामना करना पड़ता है. उस बात को 3 साल होने को है, लेकिन इस तीन सालों में काफी कुछ बदल गया है. 

दरअसल, राजनीति में आने से पहले अन्नामलाई IPS हुआ करते थे. इससे पहले कोयंबटूर से ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और मैकेनिकल इंजीनियर बने. इसके बाद MBA करने IIM लखनऊ चले गए. यहां मुलायम सिंह की सरकार के दौरान एक मर्डर केस ने उन्हें झकझोर कर रख दिया और उसके बाद उन्होंने MBA छोड़ IAS की तैयारी में जुट.

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उन्होंने सोचा कि MBA करके पैसा तो बनाया जा सकता है, लेकिन ये प्राथमिकता नहीं हो सकती. 2011 बैच के IPS अन्नामलाई ने 2019 में इस पद से इस्तीफा दिया था. तब वे साउथ बेंगलुरु में बड़े पोस्ट पर तैनात थे.

IPS थे तब भी चर्चित थे अन्नामलाई?

IAS की तैयारी करने वाले अन्नामलाई एग्जाम पास करने के बाद IPS बन गए और कर्नाटक कैडर में चले गए. कहा जाता है कि शुरुआती जॉब में ही उन्हें उडुप्पी जिले के एसपी बना दिया गया. नौकरी के कुछ ही दिन हुए तो 17 साल की एक लड़की की रेप के बाद हत्या कर दी गई. एसपी होने के नाते अन्नामलाई को मृतका के घर जाना पड़ा. वहां जो कुछ हुआ वो चौंकाने वाला था. 

पीड़िता की मां ने अन्नामलाई से पूछ लिया कि क्या तुम मेरी बेटी को वापस ला सकते हो. अन्नामलाई ये सवाल सुनकर सन्न रह गए. कुछ देर बाद उन्होंने कहा कि मैं ऐसा तो नहीं कर सकता, लेकिन भरोसा दिलाता हूं कि मेरे रहते अब किसी दूसरी बच्ची के साथ ऐसा नहीं होगा. 

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इसके बाद अन्नामलाई ने महिलाओं और लड़कियों के लिए 'सुरक्षा' नाम की ऐप लॉन्च की. साथ ही पीड़िता के नाम पर एक छात्रवृति योजना चलाई. कुछ समय बाद अन्नामलाई को उडुप्पी से ट्रांसफर हुआ, तो जनता ने विरोध प्रदर्शन करते हुए मांग की कि उनका ट्रांसफर रोका जाए. आखिरकार उन्हें  चिकमंगलूर भेज दिया गया. वहां भी उन्होंने अपने कामक को बेहतर तरीके से अंजाम दिया.कुछ महीनों बाद जब वहां से भी अन्नामलाई का ट्रांसफर होने लगा, तो लोगों ने फिर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. मांग की कि ट्रांसफर रोका जाए. 

क्या जनता दिखाएगी अन्नामाई पर भरोसा?

पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि तमिलनाडु में लोगों का डीएमके के खिलाफ भारी गुस्सा है और वे भाजपा की ओर शिफ्ट हो रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि पिछले एक दशक में भाजपा ने यहां जमकर काम किया है. इसके अलावा, अन्नामलाई ने भी कई इंटरव्यू में जीत का दावा किया है और ये भी कहा है कि राज्य में भाजपा के प्रति लोगों का भरोसा और विश्वास बढ़ा है.

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2021 में तमिलनाडु भाजपा का पद संभालने वाले अन्नामलाई ने भाजपा को घर-घर पहुंचाने की ठान ली. उन्होंने 'एन मन,एन मक्कल' यानी मेरी भूमि, मेरे लोग नाम से पदयात्रा निकाली. इस पदयात्रा को अमित शाह ने हरी झंडी दिखाई. मोटा भाई कहे जाने वाले अमित शाह ने उस दौरान अन्नामलाई को थंबी कहकर संबोधित किया था. थंबी यानी छोटा भाई.