Scholarships for students: भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय गरीब परिवारों से आने वाले मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा के दौरान आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है. इस पहल के तहत, कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों को उनकी पढ़ाई और दैनिक खर्चों के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है. यह योजना न केवल शिक्षा को बढ़ावा देती है, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को उनके सपनों को साकार करने का अवसर भी प्रदान करती है.
कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की केंद्रीय क्षेत्र योजना हर साल 82,000 मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है. यह छात्रवृत्ति कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों के लिए उपलब्ध है. इस योजना का उद्देश्य स्नातक, स्नातकोत्तर और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों जैसे मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि में पढ़ाई करने वाले छात्रों को आर्थिक सहायता देना है.
पात्रता मानदंड
कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में अपने स्ट्रीम में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हों.
नियमित डिग्री पाठ्यक्रम में अध्ययनरत हों, पत्राचार या दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रम में नहीं.
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) से मान्यता प्राप्त कॉलेज या संस्थान में पढ़ाई कर रहे हों.
किसी अन्य छात्रवृत्ति योजना, शुल्क माफी या प्रतिपूर्ति योजना का लाभ न ले रहे हों.
माता-पिता/परिवार की कुल वार्षिक आय 4.5 लाख रुपये से अधिक न हो.
छात्रवृत्ति के नवीनीकरण के लिए वार्षिक परीक्षा में कम से कम 50 प्रतिशत अंक और 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है.
छात्रवृत्ति की राशि
छात्रवृत्ति की राशि पाठ्यक्रम और अवधि के आधार पर निर्धारित की गई है. स्नातक स्तर पर पहले तीन वर्षों के लिए प्रति वर्ष 12,000 रुपये और स्नातकोत्तर स्तर पर प्रति वर्ष 20,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं. पांच वर्षीय व्यावसायिक या एकीकृत पाठ्यक्रमों में पढ़ाई करने वाले छात्रों को पहले तीन वर्षों में 12,000 रुपये प्रति वर्ष और चौथे व पांचवें वर्ष में 20,000 रुपये प्रति वर्ष मिलेंगे. तकनीकी पाठ्यक्रमों जैसे बीटेक, बीइंजी आदि में पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी इसी तरह की राशि दी जाएगी.
आवेदन प्रक्रिया
छात्रवृत्ति की कुल संख्या को सीबीएसई और आईसीएसई छात्रों के लिए अलग करने के बाद, शेष राशि को 18-25 वर्ष की आयु के राज्य बोर्ड के छात्रों के बीच बांटा जाता है. विशेष रूप से, इस योजना में 50 प्रतिशत छात्रवृत्तियां लड़कियों के लिए आरक्षित हैं, जो लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.