Tax Saving in 2025: नया साल शुरू हो चुका है और यह समय है अपने टैक्स बचाने के तरीकों पर विचार करने का. अगर आपकी सालाना आय 7 लाख रुपये से अधिक है, तो यह लेख खास आपके लिए है. अब जबकि वित्तीय वर्ष खत्म होने में कुछ महीने रह गए हैं, आप अपनी टैक्स देनदारी का पुनर्मूल्यांकन कर सकते हैं और बचत के उपायों को अपनाकर लाखों रुपये बचा सकते हैं.
वित्तीय वर्ष 2024-25 में टैक्सपेयर्स को दो विकल्प मिलते हैं-पुरानी टैक्स व्यवस्था और नई टैक्स व्यवस्था. यदि आपकी आय 7 लाख रुपये से कम है, तो नई व्यवस्था का चयन करने से आपकी टैक्स देनदारी शून्य हो सकती है, लेकिन अगर आपकी आय 7 लाख से अधिक है, तो पुरानी व्यवस्था में छूट और कटौती का फायदा उठाकर आप टैक्स में बड़ी बचत कर सकते हैं.
पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था में अंतर
पुरानी टैक्स व्यवस्था में कई तरह की छूट और डिडक्शन्स का लाभ लिया जा सकता है, जैसे कि 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की बचत, HRA, LTA और अन्य कर कटौतियां. इसके अलावा, NPS और स्वास्थ्य बीमा पर भी टैक्स छूट मिलती है. वहीं, नई टैक्स व्यवस्था में इन सभी कटौतियों का लाभ नहीं मिलता, लेकिन इसमें टैक्स दरें कम की गई हैं और यह सिस्टम सरल है.
टैक्स बचाने के उपाय
धारा 80C: इस धारा के तहत, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), और यूलिप्स में निवेश करके आप 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं.
धारा 80D: स्वास्थ्य बीमा पर भी छूट मिलती है. आप खुद, अपने परिवार और माता-पिता के लिए प्रीमियम पर टैक्स बचा सकते हैं.
धारा 80CCD: NPS (नेशनल पेंशन स्कीम) में निवेश करके आप 1.5 लाख रुपये तक की छूट का लाभ उठा सकते हैं.
नई टैक्स व्यवस्था के फायदे
नई टैक्स व्यवस्था में, 7 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं लगता. इसके अलावा, स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है, जो पहले 50,000 रुपये था. यह बदलाव वित्तीय वर्ष 2024-25 से प्रभावी होगा. इन टिप्स को अपनाकर आप अपने टैक्स की देनदारी को कम कर सकते हैं और अपने वित्तीय लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं.