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India Daily

मस्क के लिए बुरी खबर, 8 साल के निचले स्तर पर पहुंचा टेस्ला का मार्केट कैप, BYD नहीं इन कंपनियों से मिल रही जबरदस्त टक्कर

अमेरिकी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) बाजार में कभी 80% हिस्सेदारी रखने वाली टेस्ला की पकड़ अब ढीली पड़ती दिख रही है. अगस्त 2025 में कंपनी की मार्केट शेयर सिर्फ 38% रह गई, जो 2017 के बाद सबसे निचला स्तर है. दूसरी ओर, Hyundai, Kia, Toyota और Volkswagen जैसी कंपनियां आक्रामक ऑफर्स और इंसेंटिव्स के दम पर तेजी से आगे बढ़ रही हैं.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Elon Musk
Courtesy: web

एलन मस्क की कंपनी टेस्ला को अमेरिका के EV बाजार में पहली बार बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. जहां कभी टेस्ला को EV सेक्टर का बेताज बादशाह कहा जाता था, वहीं अब आंकड़े बताते हैं कि उपभोक्ता नए और सस्ते विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं. कोक्स ऑटोमोटिव के ताज़ा डेटा के मुताबिक, अगस्त में टेस्ला का बाजार हिस्सा 40% से नीचे गिर गया है.

कोक्स ऑटोमोटिव के आंकड़े बताते हैं कि अगस्त 2025 में टेस्ला की हिस्सेदारी 38% रही, जबकि जुलाई में यह 42% थी. जून में कंपनी के पास 48.7% हिस्सा था, जिसका मतलब है कि दो महीनों में टेस्ला ने 10% से ज्यादा मार्केट शेयर गंवाया है. यह गिरावट तब दर्ज हुई जब बाकी कंपनियों ने EV पर भारी इंसेंटिव्स दिए और ग्राहकों को आकर्षित करने में सफल रहीं. वहीं, जुलाई में Ford की Mustang Mach-E और Volkswagen की ID.4 जैसी गाड़ियां उपभोक्ताओं को खींचने में सफल रहीं.

नए मॉडल की कमी और रणनीति पर सवाल

विशेषज्ञों का मानना है कि टेस्ला की सबसे बड़ी समस्या उसके नए मॉडल्स की कमी है. कंपनी ने 2023 में साइबरट्रक लॉन्च किया, लेकिन वह Model 3 और Model Y जैसी सफलता हासिल नहीं कर पाया. Model Y को कंपनी ने रीफ्रेश जरूर किया, लेकिन उपभोक्ताओं की उम्मीदों पर वह खरा नहीं उतरा. इसके विपरीत, एलन मस्क ने कंपनी का ध्यान रोबोटैक्सी और ह्यूमनॉइड रोबोट की ओर मोड़ दिया है. इससे निवेशकों में चिंता बढ़ रही है कि टेस्ला अपने मुख्य ऑटोमोबाइल बिजनेस से ध्यान हटा रही है.

प्रतिस्पर्धियों की आक्रामक रणनीति

Hyundai, Honda, Kia और Toyota जैसी कंपनियां EV खरीदारों को 60% से लेकर 120% तक की बिक्री वृद्धि के साथ लुभा रही हैं. Volkswagen ने तो जुलाई में अपनी EV बिक्री को 450% तक बढ़ा दिया. ग्राहक आकर्षक लीज़ ऑफर्स, जीरो डाउन पेमेंट और फ्री फास्ट-चार्जिंग जैसी सुविधाओं से प्रभावित हुए. उदाहरण के तौर पर, सैन फ्रांसिस्को के टेक कर्मचारी टोपोजॉय बिस्वास ने Toyota Camry छोड़कर Volkswagen ID.4 खरीदी, क्योंकि उसे बेहद आकर्षक लीज़ ऑफर मिला.

राजनीतिक और कारोबारी दबाव

टेस्ला के ब्रांड को इलॉन मस्क की राजनीतिक गतिविधियों से भी झटका लगा है. डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी निकटता और बाद में मतभेदों ने कंपनी की छवि को नुकसान पहुंचाया है. साथ ही, EV पर मिलने वाले 7,500 डॉलर के टैक्स क्रेडिट की अवधि खत्म होने वाली है, जिससे सितंबर के बाद बिक्री में गिरावट की आशंका है. ऐसे हालात में टेस्ला को या तो भारी डिस्काउंट देकर बाजार हिस्सेदारी बचानी होगी या फिर मुनाफे पर जोर देना होगा.

निवेशकों की चिंता और भविष्य की राह

टेस्ला का मौजूदा ऑटोमोबाइल बिजनेस अभी भी कंपनी का सबसे बड़ा राजस्व स्रोत है, लेकिन लगातार गिरती बिक्री और मुनाफे के मार्जिन पर दबाव ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है. कंपनी के बोर्ड ने इलॉन मस्क के लिए 1 ट्रिलियन डॉलर का पे पैकेज प्रस्तावित किया है, जो टेस्ला की वैल्यू को अगले दशक में 8.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने से जुड़ा है. हालांकि, मौजूदा परिदृश्य में यह लक्ष्य बेहद चुनौतीपूर्ण लगता है.