Business News: देश में हो रहे तमाम आर्थिक सुधारों के बावजूद रुपया लगातार फिसल रहा है. शुक्रवार को रुपया डॉलर के मुकाबले अपने सर्वकालिक निचले स्तर 88.27 रुपये पर बंद हुआ. विदेशी निवेशकों के भारतीय बाजारों से लगातार अपना खींचने और नए टैरिफ की आशंकाओं के चलते रुपये में लगातार गिरावट देखी जा रही है.
डॉलर में लगातार कमजोरी और कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट के बावजूद रुपया रिकवर नहीं कर पा रहा है. शुक्रवार को रुपया 88.11 रुपये पर खुला और अस्थायी रूप से बंद होने से पहले उसने 88.37 के भाव को छुआ. फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख अनिल कुमार भंसाली ने बताया कि रुपये में शुरुआती तेज गिरावट बाजार में अफवाहों के कारण हुई.
ट्रैरिफ की अफवाह से लुढ़का रुपया
उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय आईटी क्षेत्र पर टैरिफ लगाने की अफवाह के कारण रुपया अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया जिससे शेयर बाजार में भी गिरावट आई और रुपए और डॉलर के एक्सचेंज रेट में भी तेजी आई. उन्होंने कहा कि हालांकि अफवाहों का खंडन होने के बाद रुपया थोड़ा संभला.
एशियाई मुद्राओं में तेजी लेकिन रुपया कर रहा संघर्ष
भंसाली ने कहा कि एशियाई मुद्राओं में तेजी के बावजूद रुपया रुपया मजबूती हासिल करने में संघर्ष कर रहा है. उन्होंने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) भारतीय बाजारों में लगातार विकवाली कर रहे हैं जिससे रुपये पर दबाव बढ़ रहा है.
वैश्विक बाजार में डॉलर सूचकांक 0.31 प्रतिशत गिरकर 98.03 पर आ गया जबकि ब्रेंट क्रूड वायदा 0.25 प्रतिशत गिरकर 66.82 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था.