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Gold rate today: सोने का सितम, लोगों को और ज्यादा सताया, कीमत 900 रुपये बढ़कर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची

अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 900 रुपये बढ़कर 1,06,100 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) हो गया, जबकि पिछला बंद भाव 1,05,200 रुपये पर बंद हुआ था.

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Edited By: Gyanendra Sharma
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Courtesy: Social Media

Gold rate today: सोना की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है. कमजोर रुपये, मजबूत वैश्विक रुझानों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद के चलते राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 900 रुपये बढ़कर 1,06,970 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई. चांदी की कीमतें स्थिर रहीं, जबकि भू-राजनीतिक तनावों के कारण अमेरिकी ब्याज दरों में कमी और सुरक्षित निवेश की मांग की उम्मीद के बीच सोना रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब पहुंच गया.

अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 900 रुपये बढ़कर 1,06,100 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) हो गया, जबकि पिछला बंद भाव 1,05,200 रुपये पर बंद हुआ था. हालांकि, चांदी की कीमतें 1,25,600 रुपये प्रति किलोग्राम पर अपरिवर्तित रहीं. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) सौमिल गांधी ने कहा, अमेरिका में ब्याज दरों में कमी और सुरक्षित निवेश की मांग की उम्मीद से सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन सोने में तेजी आई. गुरुवार की निराशाजनक रोजगार रिपोर्ट के बाद, बाजार सितंबर में ब्याज दरों में कटौती को पूरी तरह से मान चुका था.

उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन शांति वार्ता में प्रगति न होने के कारण निराशावाद ने भी सुरक्षित निवेश की मांग को बढ़ावा दिया है. विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी और भारत पर नए अमेरिकी टैरिफ की आशंकाओं के बीच शुक्रवार को रुपया 15 पैसे की गिरावट के साथ 88.27 रुपये प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ. वैश्विक बाजारों में हाजिर सोना बढ़कर 3,551.44 डॉलर प्रति औंस हो गया  बुधवार को छुए गए 3,578.80 डॉलर प्रति औंस के अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर के करीब रहा.

हाजिर चांदी 0.22 प्रतिशत बढ़कर 40.76 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई. मिराए एसेट शेयरखान में कमोडिटीज एवं करेंसी प्रमुख प्रवीण सिंह ने कहा, आज दिन में जारी होने वाली अमेरिकी गैर-कृषि पेरोल रिपोर्ट एक महत्वपूर्ण संकेतक है, क्योंकि यह रोज़गार बाज़ार की स्थिति पर और प्रकाश डालेगी और फ़ेडरल रिज़र्व की मौद्रिक नीति के फ़ैसले को आकार देगी.