Zerodha: भारत के प्रमुख डिस्काउंट ब्रोकर और निवेश प्लेटफॉर्म जीरोधा ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. जीरोधा के सह-संस्थापक नितिन कामथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर यह जानकारी दी कि जीरोधा के पास अब 16 मिलियन (1.6 करोड़) ग्राहक हैं, जिनका मिलाकर एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 6 ट्रिलियन रुपये (6 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच गया है. इस उपलब्धि को जीरोधा ने बिना किसी विज्ञापन के हासिल की है.
नितिन कामथ ने अपनी पोस्ट में बताया कि लगभग 30 प्रतिशत जीरोधा के नए ग्राहक अन्य ग्राहकों के रेफरल से जुड़े हैं. उन्होंने कहा, "जीरोधा के निवेशक आज हमारे पास 6 लाख करोड़ रुपये के अपने एसेट्स का विश्वास रखते हैं." उनका मानना है कि विज्ञापन न करने का निर्णय कंपनी की सफलता का एक अहम कारण है, क्योंकि इससे उन्होंने अपनी मूलभूत फिलॉसफी को बनाए रखा है, जिसमें "लोगों को ट्रेड करने के लिए दबाव नहीं डालना और कोई स्पैम नहीं भेजना" शामिल है.
Over 1.6 crore Indians trade and invest with us. Almost 30% of these investors came to us through referrals by other Zerodha customers. All Zerodha investors today trust us with 6 lakh crores of their assets.
— Nithin Kamath (@Nithin0dha) January 20, 2025
We may be the only B2C company to have reached this scale without ever… pic.twitter.com/kJTX7xs6Qp
कामथ ने आगे कहा कि भारत जैसे प्रतिस्पर्धात्मक बाजार में विज्ञापन करने से कंपनी को बहुत अधिक खर्च करना पड़ता, जो गूगल, फेसबुक (मेटा) जैसी कंपनियों के पक्ष में जाता. उनके अनुसार, बिना विज्ञापन के उन्होंने अपने लाभ को सुरक्षित रखा और ग्राहकों के लिए एक विश्वसनीय और पारदर्शी सेवा प्रदान की.
जीरोधा की स्थापना 2010 में हुई थी, और इसका उद्देश्य भारत में ट्रेडिंग को सरल और सस्ता बनाना था. इसका नाम 'जीरोधा' संस्कृत शब्द 'रोध' (अवरोध) और 'जीरो' (शून्य) का संयोजन है, जो यह दर्शाता है कि कंपनी ने ट्रेडिंग में सभी प्रकार की रुकावटों को समाप्त करने का प्रयास किया.
आज जीरोधा के प्लेटफॉर्म पर रोजाना लाखों ग्राहक निवेश करते हैं, और यह भारतीय खुदरा ट्रेडिंग वॉल्यूम्स का 15 प्रतिशत से अधिक योगदान करता है.
विज्ञापन को नशे की तरह मानते हैं नितिन कामथ
पिछले इंटरव्यूज में नितिन कामथ ने विज्ञापन को एक नशे के रूप में बताया था. उनका कहना था, "विज्ञापन कोकोन की तरह होता है, एक बार शुरू कर दिया तो आप इसे छोड़ नहीं सकते." इस बयान से यह साफ हो जाता है कि जीरोधा ने हमेशा अपने व्यवसाय को नैतिकता और दीर्घकालिक रणनीति के तहत चलाने की कोशिश की है, बजाय इसके कि वे तात्कालिक लाभ के लिए विज्ञापन पर खर्च करें.
नितिन कामथ ने 14 जनवरी को अपने फॉलोअर्स को जानकारी दी कि जीरोधा फंड हाउस ने जनवरी 2025 तक 4,000 करोड़ रुपये के एयूएम का आंकड़ा पार कर लिया है. यह उपलब्धि कंपनी की स्थापना के पहले ही साल में हासिल हुई है. जीरोधा फंड हाउस एक डायरेक्ट-ओनली एसेट मैनेजमेंट कंपनी है, जो निवेशकों को कम लागत वाले और अच्छे उत्पाद प्रदान करती है.
जीरोधा फंड हाउस के सीईओ विशाल जैन ने भी एक ब्लॉग पोस्ट में बताया कि इस फंड का विस्तार 15,000 पिनकोड्स तक हुआ है, और इसका निवेशक आधार 40 मिलियन (4 करोड़) तक पहुंच चुका है. उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी के अधिकतर निवेशक छोटे शहरों और कस्बों से आते हैं, जो यह दर्शाता है कि जीरोधा का निवेशकों तक पहुंचना अब व्यापक हो चुका है.