नई दिल्ली: पाकिस्तान द्वारा भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद किए जाने से एयर इंडिया को लगभग ₹4,000 करोड़ का नुकसान हुआ है. यह जानकारी एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने मंगलवार को दी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से जारी यह प्रतिबंध एयर इंडिया के संचालन और वित्तीय स्थिति पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है.
दरअसल, भारत और पाकिस्तान ने अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक-दूसरे के विमानों के लिए हवाई क्षेत्र के उपयोग पर रोक लगा दी थी. इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक और सैन्य विमानों की उड़ानें एक-दूसरे के हवाई क्षेत्र से गुजरने पर प्रतिबंधित हैं.
कैंपबेल विल्सन ने बताया कि एयर इंडिया को अपने यूरोप और उत्तरी अमेरिका जाने वाले विमानों के रूट बदलने पड़े हैं. इससे उड़ानों का समय औसतन 60 से 90 मिनट बढ़ गया है. लंबा रूट लेने से ईंधन की खपत और क्रू मेंबर की लागत में भारी इजाफा हुआ है. इसके अलावा, विमानों के टर्नअराउंड टाइम यानी वापसी की अवधि भी काफी बढ़ गई है.
एयर इंडिया की यूरोप और अमेरिका जाने वाली उड़ानें उसकी सबसे अधिक कमाई वाली अंतरराष्ट्रीय सेवाओं में शामिल हैं. लेकिन पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र के बंद होने के कारण इन रूट्स पर कंपनी को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. विल्सन ने कहा कि ईंधन की कीमतों में वृद्धि और वैकल्पिक मार्ग अपनाने से संचालन लागत में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.
उन्होंने बताया कि यह स्थिति एयर इंडिया के लिए पहले से ही चुनौतीपूर्ण वित्तीय वर्ष में और कठिनाई लेकर आई है. खासतौर पर अहमदाबाद एयर क्रैश जैसी घटनाओं के बाद एयरलाइन पर दबाव और बढ़ गया है. सीईओ ने कहा कि यह नुकसान सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि परिचालन दक्षता पर भी असर डाल रहा है, क्योंकि उड़ानें अधिक समय ले रही हैं और यात्रियों को देरी का सामना करना पड़ रहा है.
हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि यदि भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति में सुधार होता है और हवाई क्षेत्र दोबारा खोला जाता है, तो एयर इंडिया जल्द ही अपने सामान्य रूट्स पर लौट सकती है. फिलहाल एयरलाइन प्रशासन इस नुकसान की भरपाई के लिए वैकल्पिक उपायों पर काम कर रहा है.