दिवाली 2025 के बाद से गिरावट के बावजूद, सोने की कीमतें एक बार फिर तेजी पकड़ सकती हैं. बाबा वेंगा की रहस्यमयी भविष्यवाणी और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता ने इस बहस को और तेज कर दिया है कि क्या 2026 सोने के लिए अब तक का सबसे ऐतिहासिक साल साबित होगा.
वर्तमान में जहां 24 कैरेट सोना ₹12,328 प्रति ग्राम है, वहीं अगले साल दिवाली तक इसके ₹1.82 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है.
बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों की व्याख्या करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि 2026 में एक 'कैश-क्रश' या वैश्विक बैंकिंग संकट आ सकता है. ऐसे संकटों के दौरान ऐतिहासिक रूप से सोने की कीमतों में 20% से 50% तक की तेजी देखी गई है. अगर ऐसा हुआ तो सोना दिवाली 2026 तक ₹1.62 लाख से ₹1.82 लाख प्रति 10 ग्राम के बीच जा सकता है, जो अब तक का सर्वाधिक स्तर होगा.
दिवाली 2025 पर 24 कैरेट सोना ₹13,277 प्रति ग्राम तक पहुंच गया था, लेकिन 27 अक्टूबर 2025 तक यह घटकर ₹12,328 पर आ गया. बावजूद इसके, विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी है. जैसे-जैसे वैश्विक वित्तीय प्रणाली दबाव में आएगी, सोने की कीमतें एक बार फिर तेजी से उभरेंगी. 2026 तक इसमें 25% से 40% तक की वृद्धि संभव मानी जा रही है.
विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ती महंगाई, वैश्विक व्यापार तनाव और बैंकिंग अस्थिरता सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के प्रमुख कारण हैं. सोना पारंपरिक रूप से निवेशकों के लिए 'सुरक्षित ठिकाना' माना जाता है. जब भी अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बढ़ती है, निवेशक सोने की ओर रुख करते हैं. यही वजह है कि जब सोने ने ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम का स्तर पार किया, तो निवेशकों का रुझान फिर बढ़ गया.
विश्लेषकों का कहना है कि मुद्रा में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक तनाव ने सोने की विश्वसनीयता को और मजबूत किया है. कई देशों में मंदी का डर गहराने से निवेशक अपने धन को सोने में स्थानांतरित कर रहे हैं. भारत जैसे देशों में, जहां सोना परंपरा और भावना दोनों से जुड़ा है, इसकी बढ़ती कीमतें उपभोक्ताओं की खरीद क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं. फिर भी, इसका आकर्षण कम होता नहीं दिख रहा.
निवेशकों के लिए संदेश स्पष्ट है, सोना आर्थिक संकट के दौर में अब भी सबसे भरोसेमंद निवेश है. हालांकि, विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि केवल भविष्यवाणियों पर भरोसा करना जोखिमभरा हो सकता है. निवेश निर्णय आर्थिक आंकड़ों, महंगाई दरों और वैश्विक परिदृश्यों के आधार पर ही लेने चाहिए. आने वाला साल सोने के बाजार के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकता है, लेकिन समझदारी से निवेश ही सबसे बेहतर रणनीति होगी.