menu-icon
India Daily

IMF बोर्ड से 6 महीने पहले वापस बुलाए गए सुब्रमण्यम, ऐसा क्या हो गया?

सुब्रमण्यम की वापसी और आईएमएफ में भारत की स्थिति एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है. सरकार अब उनके स्थान पर नए उम्मीदवार की तलाश कर रही है, जो वैश्विक मंच पर भारत के हितों का प्रतिनिधित्व करेगा.

auth-image
Edited By: Sagar Bhardwaj
Krishnamurthy V. Subramaniam

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के कार्यकारी निदेशक (ED) के रूप में अपनी तीन साल की अवधि पूरी होने से छह महीने पहले, भारत सरकार ने कृष्णमूर्ति वी. सुब्रमण्यम को वापस बुला लिया है. एक मीडिया चैनल के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है.

क्यों वापस बुलाए गए सुब्रमण्यम

सूत्रों के अनुसार, सुब्रमण्यम ने आईएमएफ के डेटासेट्स पर सवाल उठाए थे, जो वाशिंगटन स्थित इस बहुपक्षीय संगठन में अच्छा नहीं माना गया. इसके अलावा, उनकी नवीनतम पुस्तक 'इंडिया @ 100' के प्रचार और प्रकाशन से संबंधित "कथित अनुचितता" को लेकर भी चिंताएं व्यक्त की गईं. सुब्रमण्यम, जो पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार रह चुके हैं, को अगस्त 2022 में सरकार ने आईएमएफ के ईडी के रूप में नामित किया था, और उनका कार्यकाल 1 नवंबर 2022 से शुरू हुआ था.

IMF में विवाद
फरवरी 2025 में, सुब्रमण्यम और उनके दो वरिष्ठ सलाहकारों ने आईएमएफ कर्मचारियों द्वारा रेटिंग के लिए अपनाए गए भारित दृष्टिकोण को पक्षपातपूर्ण, भ्रामक और "पारदर्शिता", "निष्पक्षता" और "समानता" की भावना के खिलाफ बताया था. आईएमएफ की वेबसाइट के अनुसार, 2 मई तक सुब्रमण्यम का नाम ईडी के रूप में दर्ज था, लेकिन 3 मई से भारत, बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका के लिए ईडी का पद "रिक्त" दिखाया गया है.

महत्वपूर्ण समय पर वापसी
सुब्रमण्यम की समय से पहले वापसी 9 मई को होने वाली महत्वपूर्ण आईएमएफ बोर्ड बैठक से ठीक पहले हुई है, जिसमें पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सुविधाओं की समीक्षा होगी. इस बैठक में भारत, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे, आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए पाकिस्तान को दी जाने वाली फंडिंग का विरोध करेगा.

आईएमएफ बोर्ड की भूमिका
आईएमएफ के अनुसार, कार्यकारी बोर्ड संगठन के दैनिक कार्यों को संचालित करता है. इसमें 24 कार्यकारी निदेशक शामिल हैं, जो सदस्य देशों या देशों के समूहों द्वारा चुने जाते हैं. बोर्ड सप्ताह में कई बार बैठक करता है और सदस्य देशों की आर्थिक नीतियों के राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभावों पर चर्चा करता है.