भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने गुरुवार को एक चार घंटे के वीडियो पॉडकास्ट में किंगफिशर एयरलाइंस के पतन के बाद की घटनाओं पर खुलकर बात की. 2013 के बाद पहली बार पॉडकास्टर राज शमानी के साथ बातचीत में माल्या ने दावा किया कि उन्होंने 2012 से 2015 के बीच बैंकों को चार सेटलमेंट ऑफर दिए, जिन्हें “बैंकों ने ठुकरा दिया.” माल्या ने कहा, “मेरी हमेशा सेटलमेंट की मंशा थी. मैंने कभी नहीं कहा कि मैं भुगतान नहीं करना चाहता.”
उन्होंने बताया कि उन्होंने हैदराबाद में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के चेयरपर्सन से मुलाकात कर सेटलमेंट का प्रस्ताव रखा, लेकिन “वे 14,000 करोड़ रुपये चाहते थे, इसलिए उन्होंने ऑफर ठुकरा दिया.” फरवरी 2025 में माल्या ने कर्नाटक हाईकोर्ट में कहा कि बैंकों ने 6,200 करोड़ रुपये वसूल लिए, फिर भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 14,000 करोड़ रुपये की वसूली का दावा किया.
किंगफिशर के पतन की कहानी
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) June 5, 2025
निजी गारंटी और निवेश
माल्या ने कहा, “17 बैंकों के कंसोर्टियम ने मेरी दृष्टि पर भरोसा किया. मैंने UB होल्डिंग्स से 3,000 करोड़ रुपये नकद डाले. लोग पैसे की हेराफेरी की बात करते हैं, लेकिन मेरे योगदान की चर्चा नहीं करते.” उन्होंने जोर देकर कहा, “मैंने अपनी व्यक्तिगत गारंटी दी. कोई चोर क्या अपनी व्यक्तिगत गारंटी देता है?” माल्या ने X पर लिखा, “मैंने नौ साल बाद इस पॉडकास्ट में बात की. मैं किंगफिशर के कर्मचारियों से माफी मांगता हूं और तथ्यों के साथ सच सामने लाना चाहता हूं.”
वसूली और आरोप
माल्या ने कहा कि बैंकों ने उनकी निजी शेयरों और किंगफिशर ब्रांड से 14,000 करोड़ रुपये वसूले. उन्होंने स्पष्ट किया, “विजय माल्या ने कभी एक रुपया कर्ज नहीं लिया. किंगफिशर ने कर्ज लिया और मैं गारंटर था.”