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India Daily

भारत-पाकिस्तान संघर्ष के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव के बारे में आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा?

आरबीआई गवर्नर ने स्पष्ट किया कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और इस तरह के सीमित संघर्षों से इसके विकास पर कोई दीर्घकालिक असर नहीं पड़ता. यह बयान भारत की आर्थिक स्थिरता और लचीलेपन को दर्शाता है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Reserve Bank Governor Sanjay Malhotra
Courtesy: Social Media

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार (6 जून) को कहा कि 22 अप्रैल को पाहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई, और इसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हुए तनाव का अर्थव्यवस्था पर बहुत कम प्रभाव पड़ा. हालांकि, इस हमले के जवाब में, भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का मुरिदके स्थित ठिकाना शामिल था. जवाब में, पाकिस्तान ने भी आक्रामक कार्रवाई की, जिससे सीमावर्ती क्षेत्र प्रभावित हुए.

अर्थव्यवस्था पर प्रभाव नगण्य- RBI गवर्नर

आरबीआई के गवर्नर संजय मल्हो ने कहा, “इस संघर्ष का आर्थिक गतिविधियों पर बहुत ही सीमित, नगण्य प्रभाव पड़ा. कुछ दिनों तक, विशेष रूप से उत्तरी भारत में, हवाई अड्डों के बंद होने और हवाई यात्री यातायात में कमी आई, लेकिन आपूर्ति श्रृंखला में कोई बड़ा व्यवधान नहीं हुआ.”

उन्होंने आगे कहा कि इस तनाव का आर्थिक गतिविधियों, विकास या मुद्रास्फीति पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा. कुछ क्षेत्रों और सेक्टरों में कीमतों में थोड़ी वृद्धि हुई, लेकिन अब सब कुछ सामान्य हो गया है. उन्होंने जोर देकर कहा, “यह अर्थव्यवस्था पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं डालता.

कोविड-19 मामलों पर नजर, चिंता की जरूरत नहीं

हाल में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के बारे में बोलते हुए, मल्होत्रा ने कहा कि यह अभी चिंता का विषय नहीं है.  उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह अब एक सामान्य वायरस बन गया है, और उम्मीद है कि यह ऐसा ही रहेगा.