अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 27 जून को एक महत्वपूर्ण बयान में कहा कि भारत के साथ एक व्यापार समझौता जल्द ही अंतिम रूप ले सकता है. उन्होंने कहा कि इस समझौते से अमेरिका को भारत में व्यापार करने का "अधिकार" मिलेगा. ट्रम्प ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "मुझे लगता है कि हम भारत के साथ एक ऐसे समझौते तक पहुंचने वाले हैं, जहां हमें व्यापार करने का अधिकार मिलेगा. अभी यह सीमित है. आप वहां जा सकते हैं, लेकिन इसके बारे में सोच भी नहीं सकते."
व्यापारिक बाधाओं को हटाने की कोशिश
ट्रम्प ने जोर देकर कहा कि अमेरिका भारत में सभी व्यापारिक बाधाओं को हटाने की दिशा में काम कर रहा है, जिसे उन्होंने "अकल्पनीय" बताया. उन्होंने कहा, "मुझे यकीन नहीं है कि यह होगा, लेकिन इस समय हम भारत जाकर व्यापार करने पर सहमत हैं." इस बयान से पहले, 26 जून को भारत की एक वार्ता टीम, मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में, अमेरिका पहुंची थी. यह टीम 9 जुलाई की समय सीमा से पहले एक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए वाशिंगटन में दो दिनों तक अधिकारियों के साथ बैठकें कर रही है, जब अमेरिका की ओर से उच्च शुल्क लागू होने वाले हैं.
अमेरिका की वैश्विक व्यापार रणनीति
ट्रम्प ने 2 अप्रैल को घोषित "पारस्परिक" शुल्कों को तीन महीने के लिए स्थगित कर दिया था, और अब यह समय सीमा नजदीक आ रही है. 27 जून को चीन ने भी अमेरिका के साथ व्यापार समझौते की पुष्टि की. ट्रम्प ने कहा, "हमने चीन के साथ समझौता किया है... हमारे पास 200 से अधिक देश हैं. अगले डेढ़ हफ्ते में, या शायद उससे पहले, हम कई अन्य देशों को पत्र भेजेंगे और उन्हें बताएंगे कि अमेरिका के साथ व्यापार करने के लिए उन्हें क्या कीमत चुकानी होगी."