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India Daily

Gold Price: सोने के दामों में भारी गिरावट, 3400 रुपये हुआ सस्ता, चांदी भी इतनी हुई सस्ती

Gold Rate: सोने की कीमतों में गिरावट के साथ-साथ चांदी की कीमत भी 200 रुपये घटकर 99,700 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Gold Prices Plunge Rs3400 silver also down check latest rate here US-China Trade Deal
Courtesy: iStock

Gold Rate: सोने की कीमतों में सोमवार को 3,400 रुपये की बड़ी गिरावट देखने को मिली. यह गिरावट अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए गए टैरिफ को 90 दिनों के स्थगित करने के चलते आई. दोनों देशों ने एक दूसरे पर टैरिफ लगाए टैरिफ को कम किया है और इसे कुछ दिनों के लिए स्थगित भी किया. इसका सीधा असर गोल्ड मार्केट पर देखा गया. 

राष्ट्रीय राजधानी में 10 ग्राम सोने की कीमत 96,550 रुपये से गिरकर 96,100 रुपये पर पहुंच गई. यह गिरावट पिछले 10 महीनों में सबसे बड़ी गिरावट है, इससे पहले 23 जुलाई 2024 को सोने की कीमत 3,350 रुपये गिर गई थी. शनिवार को 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 99,500 रुपये थी, जो सोमवार को घटकर 96,100 रुपये हो गई.

व्यापार समझौते का असर

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता में प्रगति के संकेत मिलने के बाद सोने की कीमतों में गिरावट आई. अमेरिका ने चीन से आयातित वस्तुओं पर 145 प्रतिशत टैरिफ को घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया है, जबकि चीन ने भी अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर अपने टैरिफ को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है. यह समझौता 90 दिन के लिए लागू होगा, जिसके बाद सोने की मांग में कमी आई है.

जियो-पॉलिटिकल तनाव में कमी

इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर जियो-पॉलिटिकल तनावों में कमी आई है. रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष में संभावित युद्धविराम के संकेत मिल रहे हैं, जबकि भारत और पाकिस्तान के बीच भी कुछ राहत के संकेत देखे जा रहे हैं. इन घटनाओं ने सोने की मांग को और घटाया है, क्योंकि निवेशकों ने मुनाफा बुकिंग शुरू कर दी है.

बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव

सोने की कीमतों में गिरावट के साथ-साथ चांदी की कीमत भी 200 रुपये घटकर 99,700 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई. वहीं, डॉलर इंडेक्स में भी 1.42 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला, जिससे अमेरिकी मुद्रा की मजबूती बढ़ी. वैश्विक बाजार में भी सोने की कीमत 3 प्रतिशत से अधिक गिरकर 3,218.70 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस हो गई.

भविष्य में क्या हो सकता है?

अगले सप्ताह निवेशक अमेरिकी मैक्रोइकॉनोमिक डेटा, जैसे कि महंगाई, खुदरा बिक्री और उपभोक्ता भावना पर ध्यान देंगे. इसके अलावा, निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के भाषण का इंतजार करेंगे, ताकि ब्याज दरों के बारे में कुछ और संकेत मिल सके.