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India Daily

Gold and Silver Price Today: सोना फिर छूने लगा आसमान! 24 कैरेट गोल्ड ₹1 लाख पार, चांदी भी चमकी, देखें आपके शहर का ताजा भाव

Gold and Silver Price Today: सोने-चांदी के दाम में आज फिर तेजी देखने को मिली है. पटना समेत बिहार के कई शहरों में 24 कैरेट सोना ₹100,325 प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना ₹92,426 प्रति 10 ग्राम पहुंच गया है. वहीं चांदी ₹114,511 प्रति किलोग्राम बिक रही है. जानिए आपके शहर में आज का लेटेस्ट रेट क्या है.

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Edited By: Babli Rautela
Gold and Silver Price Today
Courtesy: Social Media

Gold and Silver Price Today: भारत में सोने-चांदी के दामों में लगातार उतार-चढ़ाव जारी है. 23 अगस्त 2025 को बिहार के सर्राफा बाजारों में एक बार फिर सोना और चांदी चमके हैं. जहां 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने की कीमतों में उछाल देखने को मिला है, वहीं चांदी भी महंगी हो गई है.

पटना के सर्राफा बाजार में आज 24 कैरेट सोना ₹100,325 प्रति 10 ग्राम,

  • 22 कैरेट सोना ₹92,426 प्रति 10 ग्राम और
  • 18 कैरेट सोना ₹75,622 प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया है.

वहीं, चांदी की कीमत ₹114,511 प्रति किलोग्राम रही.

बिहार के प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें

बिहार के बड़े शहरों में भी सोने की कीमतें पटना के समान दर्ज की गईं.

जगह 24 कैरेट 22 कैरेट 18 कैरेट
 मुजफ्फरपुर ₹100,325 ₹92,426 ₹75,622
दरभंगा ₹100,325 ₹92,426 ₹75,622
बेगूसराय ₹100,325 ₹92,426 ₹75,622
सहरसा  ₹100,325 ₹92,426 ₹75,622
भागलपुर ₹100,325 ₹92,426 ₹75,622
कटिहार ₹100,325 ₹92,426 ₹75,622

शुद्ध सोने की पहचान कैसे करें?

सोना खरीदते समय उसकी शुद्धता जांचना बेहद जरूरी है. इसके लिए हॉलमार्क पर ध्यान दें.

  • 24 कैरेट सोने पर 999 अंकित होता है.
  •  22 कैरेट पर 916, 21 कैरेट पर 875, और 18 कैरेट पर 750 अंकित रहते हैं.

आमतौर पर गहनों के लिए 22 कैरेट सोना इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि 24 कैरेट सोना बहुत मुलायम होता है.

कैसे तय होती है सोने की कीमत ?

भारत में सोने की कीमतें लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) के भावों पर आधारित होती हैं. इसके बाद इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) आयात शुल्क और कर जोड़कर रिटेल कीमत तय करता है. सोने की कीमतें केवल मांग और आपूर्ति से तय नहीं होतीं. इसके पीछे कई वैश्विक आर्थिक कारक काम करते हैं.

  • लंदन ओटीसी स्पॉट मार्केट और कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स में उतार-चढ़ाव.
  •  डॉलर की कीमतों और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक परिस्थितियों में बदलाव.
  •  केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक नीतियां और निवेशकों की खरीद प्रवृत्तियां.
  •  वैश्विक राजनीतिक अस्थिरता और मुद्रास्फीति.