लगभग एक दशक की चुप्पी के बाद, भगोड़े आर्थिक अपराधी घोषित किए गए व्यवसायी विजय माल्या ने अपनी कहानी साझा की है. 'किंग ऑफ गुड टाइम्स' के नाम से मशहूर माल्या ने लंदन में रिकॉर्ड किए गए एक पॉडकास्ट में कहा, “मुझे निष्पक्ष सुनवाई और सम्मानजनक जीवन की गारंटी मिले तो मैं भारत लौटना चाहता हूं. हम सभी जानते हैं कि भारत में हिरासत और मुकदमे कितने लंबे हो सकते हैं. यह न्याय नहीं है.” माल्या 2016 से लंदन में रह रहे हैं, जब उन्होंने किंगफिशर एयरलाइंस के दिवालियापन के बाद भारत छोड़ा था.
कानूनी चुनौतियां
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि माल्या के लिए भारत लौटना आसान नहीं होगा. बर्जन लॉ के वरिष्ठ पार्टनर केतन मुखीजा ने कहा, “अगर विजय माल्या भारत में उतरते हैं, तो कानूनी शतरंज का खेल तुरंत शुरू हो जाएगा.” माल्या कोर्ट में आत्मसमर्पण कर जमानत या अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन उनके खिलाफ मौजूदा गिरफ्तारी वारंट और गैर-जमानती आदेशों को चुनौती देनी होगी. लिटिल एंड कंपनी के प्रबंध साझेदार अजय खतलावाला ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 21, जो निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार देता है, माल्या के दावे का आधार होगा. हालांकि, भगोड़ा आर्थिक अपराधी टैग हटाने के लिए उनकी वापसी की नीयत को कोर्ट में साबित करना होगा.
Vijay Mallya on Raj Shamani
Show Said He wants to come to India but his own terms pic.twitter.com/vPWivaXVXd— Himanshu Kumar (@hanumanbhakt00) June 5, 2025Also Read
माल्या के दावे
'फिगरिंग आउट' पॉडकास्ट में माल्या ने कहा, “मेरे सारे परिश्रम और मूल्य सृजन के बाद, भारत सरकार और मीडिया ने मुझे हीरो से जीरो बना दिया.” उन्होंने दावा किया कि 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट, बढ़ती ईंधन लागत और विदेशी निवेश पर सरकारी नीतियों ने किंगफिशर को “परफेक्ट स्टॉर्म” में धकेल दिया. माल्या ने कहा, “मैंने बैंकों को केवल 6,203 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, लेकिन वित्त मंत्रालय ने 14,131.6 करोड़ रुपये की वसूली की पुष्टि की. मैं चोर नहीं हूं.”
कर्मचारियों से माफी
माल्या ने किंगफिशर कर्मचारियों के बकाया वेतन के लिए माफी मांगी. उन्होंने कहा, “मैंने 2012 से 2015 के बीच कई बार कर्मचारियों के वेतन के लिए 260 करोड़ रुपये जारी करने की कोशिश की, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया. मैं इसके लिए पूरी जिम्मेदारी लेता हूं और गहरा खेद व्यक्त करता हूं.”