भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी बैंकों को उच्च सतर्कता बरतने और किसी भी संकट से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने का निर्देश दिया है. यह कदम दोनों देशों के बीच हालिया सैन्य तनाव के मद्देनजर उठाया गया है.
बैंकों को निर्बाध सेवाएं सुनिश्चित करने का आदेश
साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान
यह निर्देश 8 मई को पाकिस्तान से किए गए मिसाइल और ड्रोन हमलों को भारत द्वारा सफलतापूर्वक नाकाम करने के एक दिन बाद आया है. हालांकि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, सरकार ने सभी महत्वपूर्ण संस्थानों से साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने को कहा है. सीतारमण की समीक्षा बैठक में बैंकों की साइबर सुरक्षा तैयारियों पर विशेष जोर दिया गया. बैंक प्रमुखों ने पुष्टि की कि डीडीओएस (डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल-ऑफ-सर्विस) रोधी सिस्टम लागू हैं और साइबर लचीलापन के लिए मॉक ड्रिल किए गए हैं.
डिजिटल सेवाओं और कर्मचारी सुरक्षा पर जोर
वित्त मंत्री ने यूपीआई, इंटरनेट बैंकिंग और एटीएम जैसी डिजिटल सेवाओं की निरंतरता पर बल दिया. उन्होंने कहा, "भौतिक और डिजिटल बैंकिंग सेवाएं बिना किसी रुकावट के चलनी चाहिए." इसके अलावा, संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात बैंक कर्मचारियों की सुरक्षा पर भी चर्चा हुई. सीतारमण ने बैंकों से स्थानीय कानून प्रवर्तन और सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय बनाए रखने को कहा.
आर्थिक स्थिरता के लिए जरूरी कदम
भारत का डिजिटल भुगतान तंत्र, जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) संचालित करता है, प्रतिमाह 17-18 अरब मोबाइल लेनदेन के साथ 24 लाख करोड़ रुपये का कारोबार करता है. सीतारमण ने चेतावनी दी कि इसमें किसी भी रुकावट का व्यापक आर्थिक प्रभाव हो सकता है.