menu-icon
India Daily

2000 रुपए के 98% से ज्यादा नोट हुए वापस, अभी भी 6,266 करोड़ के नोट आने बाकी: RBI ने बताया

8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के साथ ही 500 और 1000 रुपए के नोट चलन से बाहर हो गए थे. इसके बाद आरबीआई ने 2000 रुपए के नोट जारी किए ताकि कम समय में ज्यादा मूल्य की मुद्रा उपलब्ध हो सके.

auth-image
Edited By: Sagar Bhardwaj
98 percent of 2000 rupee notes have been returned 2 percent notes are still in circulation RBI infor

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में बताया कि 19 मई 2023 तक चलन में मौजूद 2000 रुपये के 98.24% नोट अब बैंकों में वापस आ चुके हैं. केवल 2% से भी कम नोट अब बाजार में बचे हैं. RBI के अनुसार, 19 मई 2023 को 2000 रुपये के नोटों का कुल मूल्य 3.56 लाख करोड़ रुपये था. 30 अप्रैल 2025 तक इन नोटों का मूल्य घटकर मात्र 6,266 करोड़ रुपये रह गया. इसका मतलब है कि 98.24% नोट बैंकों में जमा हो चुके हैं. बाकी बचे नोट अभी भी वैध मुद्रा के रूप में इस्तेमाल किए जा सकते हैं.

नोट बदलने और जमा करने की सुविधा
19 मई 2023 से RBI के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों में 2000 रुपये के नोट बदलने की सुविधा शुरू हुई थी. 9 अक्टूबर 2023 से इन कार्यालयों में लोग अपने बैंक खातों में ये नोट जमा भी कर सकते हैं. इसके अलावा, देश के किसी भी डाकघर से लोग इन नोटों को RBI कार्यालयों में भेजकर अपने खाते में राशि जमा करवा सकते हैं. यह सुविधा आम लोगों के लिए काफी मददगार साबित हुई है.

2000 रुपये के नोटों की शुरुआत और समाप्ति
2000 रुपये का नोट नवंबर 2016 में पेश किया गया था, जब पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से हटा दिया गया था. इसका उद्देश्य नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था की मुद्रा जरूरतों को पूरा करना था. 2018-19 में इन नोटों का छपना बंद कर दिया गया, क्योंकि अन्य मूल्यवर्ग के नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध थे. ज्यादातर 2000 रुपये के नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे और उनकी आयु 4-5 साल थी.

रोजमर्रा के लेनदेन में कम उपयोग
RBI ने देखा कि 2000 रुपये का नोट रोजमर्रा के लेनदेन में ज्यादा इस्तेमाल नहीं होता था. इसके अलावा, अन्य मूल्यवर्ग के नोट, जैसे 500, 200, और 100 रुपये, जनता की जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी थे. इस वजह से RBI ने इन नोटों को धीरे-धीरे चलन से हटाने का फैसला किया.

स्वच्छ नोट नीति का लक्ष्य
RBI की 'स्वच्छ नोट नीति' का उद्देश्य जनता को अच्छी गुणवत्ता वाले नोट उपलब्ध कराना है. 2000 रुपये के नोटों की उम्र और कम उपयोग को देखते हुए इन्हें वापस लेने का निर्णय लिया गया. इस नीति के तहत RBI यह सुनिश्चित करता है कि खराब या पुराने नोटों को हटाकर नए और टिकाऊ नोट चलन में लाए जाएं.