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सर्दियों में कार हीटर का ज्यादा इस्तेमाल बन सकता है खतरा, ब्लोअर के ये 5 नुकसान चौंका देंगे

सर्दियों में कार के केबिन को गर्म रखने के लिए ब्लोअर हीटर का इस्तेमाल आम है, लेकिन इसकी वजह से कई बड़े नुकसान भी सामने आते हैं.

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Edited By: Reepu Kumari
Car blower heater risks different
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: ठंड बढ़ते ही ज्यादातर लोग कार में ब्लोअर हीटर ऑन कर लेते हैं ताकि यात्रा आरामदायक बने. हालांकि, इसी सुविधा के पीछे कुछ ऐसे खतरे छिपे होते हैं जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है. खासकर लंबी ड्राइव या हाईवे ट्रैवल के दौरान ब्लोअर हीटर कार के कई हिस्सों पर अतिरिक्त दबाव डालता है. विशेषज्ञों का मानना है कि हीटर का सही उपयोग कार की आयु बढ़ा सकता है, लेकिन गलत तरीके से बार-बार चलाने से फ्यूल इफिशिएंसी, इंजन लोड और ड्राइविंग कम्फर्ट प्रभावित होता है.

ठंड के मौसम में सुरक्षित और बेहतर ड्राइविंग के लिए यह जानना जरूरी है कि ब्लोअर हीटर कार को किन-किन तरीकों से नुकसान पहुंचा सकता है.

1. इंजन पर बढ़ता अतिरिक्त लोड

कार का ब्लोअर हीटर इंजन की गर्मी का उपयोग करता है, लेकिन इसके संचालन के लिए अल्टरनेटर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है. लंबे समय तक हीटर चलाने से इंजन तेजी से गर्म होता है, जिससे उसकी परफॉर्मेंस प्रभावित हो सकती है. खासकर पुराने मॉडल की कारों में यह दबाव और ज्यादा बढ़ जाता है, जिसका असर माइलेज तक पर पड़ सकता है.

2. फ्यूल खपत में बढ़ोतरी

हीटर ब्लोअर बैटरी और इंजन दोनों से ऊर्जा लेता है. जितना ज्यादा लोड बढ़ता है, उतनी ही ज्यादा फ्यूल खपत होती है. शहर की ट्रैफिक में हीटर चलाने पर माइलेज कम होने की शिकायतें आम तौर पर सुनने को मिलती हैं. यदि आप रोज कार चलाते हैं, तो यह आदत आपके मासिक खर्च में साफ दिखाई दे सकती है.

3. केबिन की हवा का ड्राई होना

ब्लोअर हीटर कार के अंदर की हवा को सूखा बना देता है. इससे आंखों और त्वचा में सूखापन बढ़ सकता है. लंबे समय तक ड्राइव करने वालों को इससे थकान और चिड़चिड़ापन महसूस होने लगता है. अगर परिवार के साथ यात्रा कर रहे हों, तो बच्चों और बुजुर्गों को इसका असर जल्दी महसूस होता है.

4. इलेक्ट्रिकल सिस्टम पर दबाव

हीटर ब्लोअर मोटर, फ्यूज और वायरिंग पर लगातार लोड डालता है. बार-बार हाई स्पीड पर चलाने से मोटर गर्म हो सकती है और फ्यूज उड़ने की संभावना भी बढ़ जाती है. कई मामलों में हीटर की वजह से कार का एसी कंट्रोल मॉड्यूल भी प्रभावित हो जाता है, जिसका रिपेयर खर्च काफी ज्यादा हो सकता है.

5. ड्राइवर की फोकस क्षमता कम होना

हीटर के साथ केबिन ज्यादा गर्म होने लगता है, जिससे ड्राइवर को सुस्ती और थकान होने लगती है. यह खासकर लंबी दूरी की ड्राइव में खतरनाक साबित हो सकता है. केबिन की अधिक गर्मी रोड फोकस कम कर देती है और रिएक्शन टाइम भी धीमा हो सकता है, जिससे दुर्घटना का जोखिम बढ़ जाता है.