नई दिल्ली: ड्राइविंग सीखना किसी भी नए व्यक्ति के लिए उत्साह और घबराहट दोनों साथ लाता है. कई लोग कार तो स्टार्ट कर लेते हैं, लेकिन सड़क पर निकलते ही हाथ-पैर फूलने लगते हैं. इसकी वजह आमतौर पर अनुभव की कमी और सड़क नियमों की सही समझ न होना है.
अगर आप वाकई एक समझदार और भरोसेमंद ड्राइवर बनना चाहते हैं, तो कुछ बुनियादी टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं. इन नियमों को अपनाकर आप न सिर्फ अपनी ड्राइविंग बेहतर करेंगे, बल्कि यात्रा को सुरक्षित और आसान भी बना पाएंगे.
नई ड्राइविंग की सबसे जरूरी शुरुआत सही सीट पोजिशन, मिरर एडजस्टमेंट और स्टियरिंग पकड़ से होती है. आपकी सीट ऐसी हो कि पैर आराम से पैडल तक जाएं और पीठ पूरी तरह बैकरेस्ट को सपोर्ट करे. रियर और साइड मिरर सही तरीके से सेट हों ताकि ब्लाइंड स्पॉट कम हो जाएं. यह छोटी तैयारी आगे आने वाली बड़ी मुश्किलों से बचाती है.
ड्राइविंग सिर्फ हाथ और पैर का काम नहीं, बल्कि दिमाग का भी संतुलन मांगती है. नए ड्राइवरों को सलाह दी जाती है कि सड़क पर नजर दूर तक रखें और हर मोड़, ब्रेक या मोड़ पर पहले से अनुमान लगाएं. अचानक ब्रेक या हड़बड़ी में लिए फैसले कई बार खतरा बढ़ाते हैं. धीरे-धीरे स्थितियों को समझना आपके आत्मविश्वास को बढ़ाता है.
नए ड्राइवर अक्सर या तो बहुत धीमी या बहुत तेज ड्राइव करते हैं. स्पीड का संतुलन सबसे जरूरी है. शहर में धीमी लेकिन नियंत्रित गति रखें और हाईवे पर लेन में चलने का अभ्यास करें. एक्सेलरेटर को धीरे-धीरे प्रेस करना और अनावश्यक स्पीड बढ़ाने से बचना ड्राइविंग को सुरक्षित बनाता है.
अचानक ब्रेक लगाने से कार असंतुलित हो सकती है, खासकर बारिश या फिसलन भरी सड़क पर. शुरुआती ड्राइवरों को स्मूथ ब्रेकिंग सीखनी चाहिए. यानी दूरी का अंदाजा लगाकर हल्का-हल्का ब्रेक देना. इससे कार पर पकड़ बनी रहती है और दूसरी गाड़ियों से सुरक्षित दूरी बनी रहती है.
कोई भी ड्राइवर एक दिन में एक्सपर्ट नहीं बनता. रोज़ाना 20–30 मिनट का अभ्यास आपकी पकड़ को मजबूत करता है. साथ ही इंडिकेटर का सही इस्तेमाल, लेन अनुशासन और ट्रैफिक सिग्नल का पालन आपके ड्राइविंग स्किल को अगले स्तर पर ले जाते हैं. सुरक्षित ड्राइवर वही है जो नियमों को समझता और उनका पालन करता है.