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जानिए कब है आषाढ़ माह की अमावस्या, इन दिन किन चीजों का करें दान? 

Ashadha Amavasya 2024: हर माह के कृष्ण पक्ष का अंतिम दिन अमावस्या का होता है. अमावस्या के दिन को पितरों के तर्पण के लिए काफी शुभ माना जाता है. हर माह में अमावस्या तिथि आती है. कृष्ण पक्ष का अंत अमावस्या और शुक्ल पक्ष का अंत पूर्णिमा तिथि से होता है. हिंदू पांचांग के अनुसार, 1 साल में कुल 12 अमावस्या पड़ती है. आइए जानते हैं कि साल 2024 के आषाढ़ माह की आमवस्या कब है. 

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: pexels

Ashadha Amavasya 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष के अंत अमावस्या तिथि से होता है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान, पितरों का तर्पण व दान करना काफी अच्छा माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, एक साल में कुल 12 अमावस्या आती हैं. हिंदू कैलेंडर के चौथे महीने की अमावस्या तिथि आषाढ़ माह की अमावस्या होती है.

आषाढ़ माह की अमावस्या पर कुछ चीजों का दान करने से पापों से मुक्ति मिलती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन पितृलोक से पितृ पृथ्वी पर आते हैं. इस कारण इस दिन पितरों की तृप्ति के लिए लोग पिंडदान, श्राद्धकर्म आदि करते हैं. इस दिन पवित्र नदी में स्नान, तप, जप और ध्यान भी किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि अमावस्या पर  भगवान श्रीहरिविष्णु का पूजन किया जाता है. 

कब है आषाढ़ माह की अमावस्या? 

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 5 जुलाई 2024 की सुबह 4 बजकर 57 मिनट से शुरू होगी और यह अगले दिन 6 जुलाई की सुबह 4 बजकर 26 मिनट तक रहने वाली है. इस कारण आषाढ़ माह की अमावस्या 5 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी. 

इस समय पर कर सकते हैं स्नान

5 जुलाई को आषाढ़ माह की अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें. ब्रह्मा मुहूर्त में सुबह 4 बजकर 8 से 4 बजकर 48 तक स्नान का शुभ मुहूर्त है. 

इस समय पर करें श्राद्ध 

पितरों को खुश करने के लिए अमावस्या तिथि पर श्राद्ध कर्म करना चाहिए. इसको आप सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजकर 30 तक कर सकते हैं. इस दिन पितरों को जल तर्पण करें. कुश स काले तिल और सफेद फूल भी पितरों के निमित्त अर्पित करें. 

आषाढ़ अमावस्या पर करें इन चीजों का दान 

  • पितरों की कृपा पाने के लिए आषाढ़ की अमावस्या तिथि पर जरूरतमंदों को अन्न और धन का दान दें. 

  • अमावस्या पर गेहूं और चावल का दान करना चाहिए. मान्यता है कि इससे सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है. 

  • नाराज पितरों को प्रसन्न करने के लिए अमावस्या के दिन पूजा करने के बाद भूमि का दान करें. 

  • आषाढ़ की अमावस्या पर आंवला, दूध, घी और दही का दान कर सकते हैं. इन चीजों का दान करने से धनलाभ के योग बनते हैं. 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.