Mahashivratri 2024 : भगवान भोलेनाथ इतने भोले हैं कि वे महज एक लोटा जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं. वहीं, उनको कई प्रकार की चीजें अर्पित की जाती है. भगवान शिव को घी, दही, चंदन, दूध, बिल्वपत्र, फूल, शहद, जल, गंगाजल, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तिल, दाल, चावल आदि कई सामग्रियां अर्पित की जाती है. इन सभी का फल भी अलग-अलग होता है. अधिकतर लोग अपनी परेशानी के अनुसार ही सामग्रियों को भगवान भोलेनाथ पर अर्पित करते हैं.
भगवान भोलेनाथ को आशुतोष कहा जाता है. ये तुरंत प्रसन्न होकर फल देने वाले देवता है. शिव पुराण में वर्णित है कि भगवान शिव स्वयं जल हैं. शिव पर जल अर्पित करने की एक कथा समुद्र मंथन से जुड़ी हुई है. इस कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जब हलाहल विष प्रकट हुआ था तो इस विष से सृष्टि को बचाने के लिए महादेव शिव ने इसका पान किया था और इस विष को कंठ में रोक लिया था. इस कारण उनका कंठ नीला हो गया था. विष की उष्णता शांत करने के लिए सभी देवी-देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया था. उस दिन से भगवान शिव को जल अर्पित किया जाने लगा. जल के अलावा भी भगवान शिव को कई चीजें अर्पित की जाती हैं. इनका अपना अलग महत्व होता है. आइए जानते हैं कि किस चीज से कौन सा फल मिलता है.
बेलपत्र- भगवान शिव को बेलपत्र अधिक प्रिय है. उनके तीन नेत्र हैं और बिल्व पत्र की तीन पत्तियां उनके तीन नेत्र के प्रतीक हैं. बिल्वपत्र को भगवान शिव पर चढ़ाना 1 करोड़ कन्याओं के कन्यादान के समान फल देता है.
आक- आक या मदार का फूल भगवान शिव को अर्पित करने से सोने के दान के बराबर फल मिलता है.
धतूरा- भगवान शिव को धतूरा भी अत्यंत प्रिय है. भगवान शिव कैलाश पर रहते हैं. यह जगह काफी ठंडी है. यहां उनको उष्मा प्रदान हो, इस कारण उनको धतूरा अर्पित किया जाता है. इसके साथ ही भागवत पुराण के अनुसार जब भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले विष को पिया था तो अश्विनी कुमारों ने भांग और धतूरा आदि औषधियों से उनकी व्याकुलता दूर की थी.
भांग- भांग को ध्यान केंद्रित करने में मददगार माना जाता है. भगवान शिव हमेशा ध्यान में रहते हैं. इस कारण उनको भांग अर्पित की जाती है.
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