Vamana Dwadashi 2023: हिंदू धर्म में वामन जयंती का बहुत महत्व है. हिंदू पंचांग के मुताबिक भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की बारहवीं तिथि को वामन द्वादशी कहते हैं. इसी दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन को वामन जयंती के रूप में मनाया जाता है.
भगवान विष्णु अपने पांचवें अवतार के रूप में द्वादशी तिथि पर जन्मे थे. इस दिन भगवान विष्णु की भी पूजा-अर्चना की जाती है. आइए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि जानते हैं.
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार वामन जयंती 6 सितंबर 2023 को सुबह 05 बजे शुरू होगी. भगवान विष्णु ने यह जन्म राजा बलि का घमंड तोड़ने के लिया था. उन्होंने माता अदिति और कश्यप ऋषि के घर में श्रवण नक्षत्र में जन्म लिया था.
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 26 सितंबर को पढ़ रही है. सुबह पांच से यह तिथि शुरू हो जाएगी और अगले दिन यानी 27 सितंबर को यह प्रात 1 बजकर 45 मिनट तक रहेगी.
श्रवण नक्षत्र - 25 सितंबर की सुबह 11 बजकर 55 मिनट से लेकर -26 सितंबर की सुबह 09 बजकर 42 मिनट तक रहेगा.
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त - वामन जयंती के दिन शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 12 मिनट से लेकर 26 सितंबर दोपहर दोपहर 1 बजकर 43 मिनट तक रहेगा.
धार्मिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु ने राजा बली का घमंड तोड़ने के लिए और इंद्र देव को देवलोक का राज्य पुन: दिलाने के लिए वामन का अवतार लिया था. राजा बली ने देवलोका का राज भी भगवान इंद्र से हड़प लिया था.
भगवान वामन ब्राह्मण बनकर राजा बली के पास गए और उन्होंने रहने के लिए तीन कदम के बराबर जमीन मांगी. राजा बली ने वामन देव को जमीन देने का वचन दे दिया.
वामन देव ने जब कदम नापना शुरू किया तो पहले कदम में भू-लोक आ गया. दूसरे में देवलोक. अब राजा बली के पास देने के लिए कुछ बचा ही नहीं था. वचने से बंधे राजा बली ने वामन देव के कदमों के आगे अपना सिर रख दिया. राजा बली से भगवान विष्णु प्रसन्न हुए और उन्होंने राजा बली को पाताल लोक देने के निश्चय किया.
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