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2 अगस्त की तारीख कर लें नोट, दिन में हो जाएगा रात, 6 मिनट तक सूरज होगा गायब, 100 साल बाद दिखेगा ऐसा सूर्य ग्रहण!

यह नजारा अगले 100 सालों में दोबारा नहीं देखने को मिलेगा, इसलिए हर कोई इस अद्भुत दृश्य का हिस्सा बनना चाहेगा. सूरज का गायब होना और पूरा आसमान अंधेरे में डूब जाना, एक ऐसे अनुभव के रूप में रहेगा जिसे हम सभी शायद कभी न भूल सकें.

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Edited By: Reepu Kumari
Surya Grahan
Courtesy: Pinterest

Surya Grahan : क्या होगा अगर दिन में रात हो जाए और सूरज अचानक गायब हो जाए? ऐसा सोचकर ही थोड़ी बेचैनी होती है, है न? लेकिन ये कोई कल्पना नहीं, बल्कि हकीकत बनने जा रही है! 2 अगस्त 2027 को एक दुर्लभ और अद्भुत घटना होने वाली है पूर्ण सूर्य ग्रहण. इस दौरान सूरज करीब 6 मिनट के लिए पूरी तरह से गायब हो जाएगा और दुनिया के कई हिस्से अंधेरे में डूब जाएंगे. एक ऐसा नजारा जो अगले 100 साल तक शायद ही देखा जा सके. अगर आप भी इस अद्भुत दृश्य को देखना चाहते हैं तो तैयार हो जाइए, क्योंकि ऐसा नजारा एक सदी तक नहीं होगा!

इस सूर्य ग्रहण का असर दुनिया के कई हिस्सों पर पड़ेगा. अफ्रीका से लेकर अरब देशों तक, कई महाद्वीपों के लोग इसे देख सकेंगे. ये सूर्य ग्रहण इतना खास है कि इसे "महान उत्तरी अफ्रीकी ग्रहण" भी कहा जा रहा है. आइए जानते हैं, ये सूर्य ग्रहण क्यों इतना खास है और इसका क्या कारण है.

सूर्य ग्रहण का ऐतिहासिक महत्व

सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जो तब होती है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है. हालांकि ऐसा ग्रहण आमतौर पर कुछ मिनटों तक रहता है, 2 अगस्त को होने वाला सूर्य ग्रहण लगभग 6 मिनट तक चलेगा. यह समय बहुत लंबा होता है, खासकर सूर्य ग्रहण के लिए. इसे लेकर खगोलशास्त्रियों का कहना है कि ऐसा दृश्य अगले 100 साल तक नहीं देखने को मिलेगा.

इस सूर्य ग्रहण की खास बात यह है कि यह बहुत बड़े क्षेत्र में दिखाई देगा. अटलांटिक महासागर से शुरू होकर, यह सूर्य ग्रहण कई देशों के ऊपर से गुजरते हुए अफ्रीका के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देगा. दुनिया भर के करोड़ों लोग इसे देख पाएंगे. सूर्य के गायब होने के कारण पूरी दुनिया अंधेरे में डूब जाएगी, जिससे ये दृश्य और भी अविस्मरणीय बन जाएगा.

सूर्य ग्रहण का लंबा समय क्यों है?

इस सूर्य ग्रहण का कारण एक दुर्लभ खगोलीय संरेखण है. चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच ऐसा खगोलीय संरेखण हो रहा है, जिससे सूर्य को लंबे समय तक ढका जाएगा. इसके तीन मुख्य कारण हैं;

  1. पहला, पृथ्वी सूर्य से अपनी सबसे दूर स्थित पर होगी, जिसे अपसौर कहा जाता है. इस स्थिति में सूरज छोटा दिखाई देता है.
  2. दूसरा, चंद्रमा पृथ्वी के बहुत करीब होगा, जिससे यह बड़ा दिखाई देगा.
  3. तीसरा, चंद्रमा की छाया भूमध्य रेखा पर पड़ेगी और यह धीमी गति से बढ़ेगी, जिससे ग्रहण का समय लंबा होगा.

इस खगोलीय घटना का अनुभव केवल कुछ स्थानों पर ही हो सकेगा, और यह अगले कुछ दशकों तक नहीं होगा.

सूर्य ग्रहण का असर और लोगों का उत्साह

इस घटना को देखकर लोग ना सिर्फ प्राकृतिक विज्ञान के बारे में ज्यादा जान पाएंगे, बल्कि यह एक ऐतिहासिक पल होगा. लोग इसे देखने के लिए उत्साहित हैं और इसके लिए खास तैयारियां की जा रही हैं. यह ग्रहण ना सिर्फ खगोलशास्त्रियों के लिए, बल्कि आम लोगों के लिए भी एक अनोखा अनुभव होगा.

यह नजारा अगले 100 सालों में दोबारा नहीं देखने को मिलेगा, इसलिए हर कोई इस अद्भुत दृश्य का हिस्सा बनना चाहेगा. सूरज का गायब होना और पूरा आसमान अंधेरे में डूब जाना, एक ऐसे अनुभव के रूप में रहेगा जिसे हम सभी शायद कभी न भूल सकें.

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