Sawan 2025: क्यों लिखा जाता है बेलपत्र पर 'राम'? जानिए इस रहस्य की पौराणिक सच्चाई और महत्व
सावन में आने वाले प्रत्येक सोमवार को 'सावन सोमवार व्रत' कहा जाता है और यह व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. इस बार कुल चार सावन सोमवार होंगे.

Sawan 2025: सावन के महीने में शिवभक्तों की श्रद्धा देखते ही बनती है. इस पावन अवसर पर शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने की परंपरा का खास महत्व है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बेलपत्र पर 'राम' नाम क्यों लिखा जाता है? और इसकी शुरुआत आखिर किसने की थी?
बेलपत्र पर 'राम' नाम लिखने की परंपरा कोई साधारण परंपरा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर पुरातन रिवाज़ है, जिसकी जड़ें पौराणिक काल से जुड़ी हैं.
पहली बार माता पार्वती ने किया था प्रयोग
सबसे पहले बेलपत्र पर राम नाम माता पार्वती ने लिखा था. उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस अनोखे उपाय को अपनाया था. चूंकि भगवान शिव को ‘राम’ नाम अत्यंत प्रिय है, इसलिए जब यह नाम बेलपत्र पर लिखकर अर्पित किया जाता है, तो वे बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मुरादें पूरी करते हैं.
पौराणिक ग्रंथों में है उल्लेख
शिव पुराण और स्कंद पुराण में बेलपत्र के महत्व का विस्तार से उल्लेख मिलता है. वहीं, रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों में भी ‘राम’ नाम की महिमा का बखान है. जब इन दोनों को एक साथ जोड़ा जाता है-यानी बेलपत्र पर राम नाम-तो यह एक शक्तिशाली धार्मिक प्रतीक बन जाता है.
श्रद्धालुओं का अनुभव
परिवार में पीढ़ियों से बेलपत्र पर राम नाम लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाने की परंपरा है. इससे हमें मानसिक शांति, संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है. यह हमारी आस्था का अहम हिस्सा बन गया है.
बेलपत्र पर ‘राम’ नाम लिखकर शिव को अर्पित करना केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि आत्मिक जुड़ाव और दिव्यता का प्रतीक है. यह साधना भक्त और भगवान के बीच एक ऐसा सेतु बनाता है, जो श्रद्धा, शक्ति और शांति का संदेश देता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति और तपस्या का प्रतीक माना जाता है. इस वर्ष 2025 में सावन मास की शुरुआत 11 जुलाई (शुक्रवार) से हो रही है और यह 9 अगस्त (शनिवार) को समाप्त होगा. इस महीने में भक्तजन शिवलिंग का जलाभिषेक कर 'ॐ नम: शिवाय' का जाप करते हैं. मां पार्वती और शिव की पूजा करने से जीवन के संकट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
सावन में आने वाले प्रत्येक सोमवार को 'सावन सोमवार व्रत' कहा जाता है और यह व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. इस बार कुल चार सावन सोमवार होंगे.



