Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति का पावन त्यौहार हिंदुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक माना जाता है. फसल कटाई का त्यौहार पूरे देश में अलग-अलग क्षेत्रीय रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है. मकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि (मकर राशि) में संक्रमण का प्रतीक है, जो नई शुरुआत और उम्मीद का प्रतीक है. यह मौसमी बदलाव का भी प्रतीक है - सर्दियों का अंत और एक नए कृषि चक्र की शुरुआत. इस दिन, लोग अच्छी फसल के लिए प्रकृति का धन्यवाद भी करते हैं और नए साल में समृद्धि का स्वागत करते हैं.
जैसे-जैसे हम त्योहार के करीब आ रहे हैं , कई लोग सही तारीख को लेकर भ्रमित हैं - कि यह 13 जनवरी है या 14 जनवरी। यहां आपके लिए सही विवरण हैं.
द्रिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष मकर संक्रांति का त्यौहार 14 जनवरी, मंगलवार को है. यहाँ ध्यान रखने योग्य शुभ मुहूर्त दिया गया है;
इस बीच, पंचांग के अनुसार, पर्व के दिन सूर्य सुबह 7:15 बजे उदय होगा. इसके अलावा, ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:27 से 6:21 बजे तक, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:09 से 12:51 बजे तक और विजय मुहूर्त दोपहर 2:15 से 2:57 बजे तक रहेगा.
मकर संक्रांति मनाने वाले लोग इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और सूर्य को लाल फूल और चावल युक्त जल चढ़ाते हैं. इसके अलावा, लोग नए अनाज, कंबल, बर्तन, तिल और घी का दान करके भी इस त्यौहार को मनाते हैं.
यह त्यौहार प्रत्येक क्षेत्र में अलग-अलग परंपराओं के साथ मनाया जाता है. उदाहरण के लिए, उत्तर भारत में लोग लोहड़ी मनाते हैं. दक्षिणी भागों में लोग पोंगल मनाते हैं. गुजरात और राजस्थान में लोग रंग-बिरंगी पतंगें उड़ाकर त्यौहार मनाते हैं, जबकि पूर्व में गंगा सागर मेला एक प्रमुख आयोजन है.