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आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन ऐसे करें पूजा-अर्चना, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और स्नान-दान का महत्व

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का दिन अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है. यह दिवाली के 15वें दिन मनाया जाता है. इस दिन भक्त पवित्र नदियों में स्नान, भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा तथा दान-पुण्य करते हैं.

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Edited By: Princy Sharma
 Kartik Purnima 2025 India Daily
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का दिन बेहद पवित्र और शुभ माना गया है. इस साल कार्तिक पूर्णिमा का पर्व आज मनाया जा रहा है. यह पूर्णिमा दिवाली के 15वें दिन आती है और धार्मिक दृष्टि से इसका महत्व है. इस दिन श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान, भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा-अर्चना तथा दान-पुण्य करते हैं. ऐसा करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सौभाग्य, सुख और समृद्धि का वास होता है.

कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही देव दीपावली का भी पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि इस रात स्वयं देवी-देवता काशी के घाटों पर उतरकर दीप जलाते हैं और दिवाली मनाते हैं. इस अवसर पर भगवान विष्णु के लक्ष्मी-नारायण स्वरूप की विशेष पूजा की जाती है, जिससे घर में सुख-शांति और धन-समृद्धि बनी रहती है.

कार्तिक पूर्णिमा तिथि 

कार्तिक पूर्णिमा की तिथि 4 नवंबर की रात 10:36 बजे से शुरू होकर 5 नवंबर की शाम 6:48 बजे तक रहेगी. यानी आज पूरे दिन इस पावन तिथि का प्रभाव रहेगा. पवित्र गंगा स्नान और दान करने का शुभ समय आज सुबह 4:52 बजे से 5:44 बजे तक रहा. इस समय में स्नान और दान करने से कई गुना पुण्य मिलता है. भक्त इस समय जरूरतमंदों की मदद कर सकते हैं, जैसे भोजन, वस्त्र या धन का दान करना.

पूजन मुहूर्त और दुर्लभ संयोग

कार्तिक पूर्णिमा पर पूजा का सबसे शुभ समय सुबह 7:58 बजे से 9:20 बजे तक रहेगा. वहीं, शाम का प्रदोषकाल मुहूर्त दीपदान करने के लिए सबसे अच्छा समय शाम 5:15 बजे से 7:51 बजे तक रहेगा. इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग और रवि योग दोनों बन रहे हैं. सर्वार्थसिद्धि योग 5 नवंबर सुबह 6:34 बजे से 6 नवंबर सुबह 6:37 बजे तक रहेगा. माना जाता है कि इन योगों में पूजा और व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

पूजन विधि

  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना बहुत शुभ होता है. 
  • अगर संभव हो तो गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें. 
  • इसके बाद पीले या सफेद वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी व भगवान शिव की पूजा करें.
  • तुलसी के पौधे के सामने दीप जलाएं.
  • भगवान को पुष्प, धूप, नैवेद्य और तुलसी दल अर्पित करें.
  • शाम के समय दीपदान, भजन-कीर्तन और दान करना विशेष रूप से शुभ माना गया है.
  • माना जाता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व 

कार्तिक पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की सबसे पवित्र तिथि मानी जाती है. यह दिन भगवान विष्णु की आराधना का होता है, लेकिन इस दिन भगवान शिव की पूजा भी विशेष फल देती है. इस पूर्णिमा की रात चांद अपनी पूरी कलाओं में होता है, जिसकी दिव्य चांदनी पृथ्वी पर शांति और समृद्धि का संदेश लाती है.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.