कैंची धाम: क्यों खास हैं बाबा नीम करौली महाराज का मालपुए वाला प्रसाद?
Princy Sharma
2025/11/04 12:19:10 IST
कैंची धाम
कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है. यहां बाबा नीम करौली महाराज की पावन स्थली है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं.
Credit: Pinterest राष्ट्रपति मूर्मू
राष्ट्रपति मूर्मू आज उत्तराखंड के दौरे पर हैं. ऐसे में वह कैंची धाम के दर्शन करने वाली हैं.
Credit: Pinterestमालपुआ का प्रसाद
मालपुआ को कैंची धाम में विशेष महत्व प्राप्त है. यह केवल मिठाई नहीं, बल्कि भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक बन चुका है. बाबा नीम करौली महाराज को यह प्रसाद बेहद प्रिय था.
Credit: Pinterestकैसे बनते हैं मालपुए
मालपुआ बनाने की प्रक्रिया पारंपरिक तरीके से की जाती है. इसमें गेहूं का आटा, दूध, चीनी और शुद्ध घी का उपयोग होता है. जब मालपुए बनते हैं, तो घी और गुड़ की महक से मंदिर का वातावरण भक्तिमय हो जाता है.
Credit: Pinterestमालपुए का वितरण
15 जून को आयोजित वार्षिकोत्सव के दौरान और रोजाना भी, हजारों मालपुए बाबा को अर्पित किए जाते हैं. प्रसाद बाद में भक्तों में बांटा जाता है, और कई बार विशेष स्टॉल्स से वितरण किया जाता है.
Credit: Pinterestमालपुआ के फायदे
माना जाता है कि कैंची धाम के मालपुए न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि मन की मुरादें पूरी करने वाले होते हैं. श्रद्धालु इस प्रसाद को अपने परिवार और मित्रों के लिए भी ले जाते हैं, ताकि बाबा की कृपा उनके साथ भी हो.
Credit: Pinterestधार्मिक आस्था
मंदिर के सेवक और स्थानीय ग्रामीण मिलकर यह प्रसाद बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ तैयार करते हैं. भक्तों का मानना है कि यह मालपुआ सादगी और भक्ति का प्रतीक है.
Credit: Pinterestकैंची धाम की पहचान
कैंची धाम का मालपुआ अब उत्तराखंड की धार्मिक पहचान बन चुका है. जैसे ही बाबा का नाम लिया जाता है, मन में शांति, विश्वास और मालपुए के स्वाद महसूस होता है.
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