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1 या 2 नवंबर, कब है तुलसी विवाह? जानें डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और धार्मिक महत्व

तुलसी विवाह हिंदू धर्म का पवित्र पर्व है जो देवी तुलसी और भगवान विष्णु के विवाह का प्रतीक है. यह हर साल देव उठनी एकादशी के बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वादशी को मनाया जाता है.

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Edited By: Princy Sharma
Tulsi Vivah 2025 India Daily
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: तुलसी विवाह हिंदू परंपरा के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है जो देवी तुलसी (पवित्र तुलसी) और भगवान विष्णु के दिव्य विवाह का प्रतीक है. यह शुभ त्योहार हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि (12वें दिन) को मनाया जाता है, जो देव उठनी एकादशी के ठीक बाद आती है. इस बार तुलसी विवाह 2 नवंबर, 2025 (रविवार) को मनाई जाएगी.

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, तुलसी को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है और उन्हें विष्णु प्रिया के नाम से जाना जाता है, जिसका मतलब है 'भगवान विष्णु की प्रिय.' यह त्योहार शादियों के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है, क्योंकि माना जाता है कि देव उठनी एकादशी के बाद, भगवान विष्णु अपनी चार महीने की गहरी नींद (चातुर्मास) से जागते हैं और सभी शुभ काम फिर से शुरू हो सकते हैं.

तुलसी विवाह 2025 शुभ समय

  1. द्वादशी तिथि शुरू: 2 नवंबर, 2025, सुबह 7:31 बजे
  2. खत्म: 3 नवंबर, 2025, सुबह 5:07 बजे
  3. ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:50 – सुबह 5:42 बजे
  4. अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:42 – दोपहर 12:26 बजे
  5. विजय मुहूर्त: दोपहर 1:55 – दोपहर 2:39 बजे
  6. गोधुली मुहूर्त: शाम 5:35 – शाम 6:01 बजे

कैसे घर पर करें तुलसी विवाह? 

  1. अपने आंगन, बालकनी या मंदिर वाली जगह पर तुलसी का पौधा रखें.
  2. जगह को रंगोली और फूलों से खूबसूरती से सजाएं.
  3. तुलसी माता को दुल्हन की तरह साड़ी, चूड़ियां और सिंदूर पहनाएं.
  4. तुलसी माता के दाईं ओर शालिग्राम जी (विष्णु का रूप) रखें.
  5. दोनों को गंगाजल से नहलाएं, रोली और चंदन लगाएं और फूल, मिठाई, गन्ना, फल चढ़ाएं.
  6. फिर एक दीया जलाएं और तुलसी और शालिग्राम के चारों ओर सात फेरे लेकर शादी की रस्में पूरी करें.
  7. आरती और प्रसाद बांटकर पूजा खत्म करें.

तुलसी विवाह की आध्यात्मिक महत्व

माना जाता है कि तुलसी विवाह करने से घर में शांति और खुशहाली आती है. कहा जाता है कि इस रस्म से कन्यादान (बेटी की शादी) जितना ही पुण्य मिलता है. शादीशुदा औरतें अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए यह दिन रखती हैं, जबकि कुंवारी लड़कियां एक अच्छे जीवनसाथी के लिए तुलसी माता की पूजा करती हैं.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.