menu-icon
India Daily

हनुमान, हवन और ब्राह्मणों पर उठाए सवाल, सोशल मीडिया पर प्रतीक पटेल के नाम पर क्यों मचा बवाल?

Pratik Patel: प्रतीक पटेल को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा मचा हुआ है. एक तरफ के लोग प्रतीक पटेल के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वहीं, प्रतीक पटेल के समर्थक सोशल मीडिया पर जमकर माहौल बना रहे हैं. इस बीच प्रतीक पटेल के ऐसे कई ट्वीट वायरल हो रहे हैं जिनमें प्रतीक ने हिंदू धर्म के देवी-देवताओं का जमकर मजाक उड़ाया है. इस पर प्रतीक का कहना है कि उन्होंने अपने मजबूत तर्क रखे हैं और यही बात लोगों को बुरी लग रही है.

auth-image
Edited By: India Daily Live
Pratik Patel
Courtesy: Social Media

सोशल मीडिया पर लोग अपनी बातें खुलकर रखते हैं. अक्सर लोगों की कही बातों को लेकर खूब वाद-विवाद भी होता है. बहस स्वस्थ हो तो यह फायदेमंद भी होती है. अब एक ऐसी ही बहस ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया है. पिछले कई दिनों से प्रतीक पटेल नाम का एक शख्स जबरदस्त विवादों में है. ब्राह्मणों, हिंदू धर्म के देवी-देवताओं और अन्य धार्मिक प्रतीकों पर विवादित टिप्पणी को लेकर चर्चा में आए प्रतीक पटेल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है. कुछ हिंदू संगठनों ने पुलिस से शिकायत भी की है. इस बीच सोशल मीडिया पर प्रतीक पटेल के समर्थन में और उनके खिलाफ भी जमकर कैंपेन चल रहा है. अब प्रतीक पटेल के पुराने ट्वीट्स भी वायरल हो रहे हैं.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रतीक के कई पुरानी ट्वीट चर्चा का विषय बने हुए हैं. इन्हीं को शेयर करते हुए बहुत सारे लोग बिहार पुलिस को टैग कर रहे हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इस पर पटना पुलिस ने बताया है कि साइबर पुलिस पटना को यह  मामला भेजा गया है और कानूनी कार्यवाही करने को कहा गया है. इस पर प्रतीक पटेल के समर्थकों का कहना है कि पुलिस की धमकी देकर डराया नहीं जा सकता है.

कौन है प्रतीक पटेल?

ट्विटर प्रोफाइल के मुताबिक, प्रतीक पटेल बिहार में ऑल इंडिया बैकवर्ड क्लास फेडरेशन के यूथ प्रेसिडेंट हैं. वह खुद को तेजस्वी यादव का सिपाही और सामाजिक का कार्यकर्ता बताते हैं. प्रतीक की प्रोफाइल पर पिन किए हुए एक ट्वीट के मुताबिक, वह 28 जनवरी तक नीतीश कुमार के साथ थे लेकिन उनके एनडीए में जाने के फैसला का समर्थन नहीं किया और तेजस्वी के समर्थन में खड़े हो गए.

ट्विटर पर अपने खिलाफ चल रहे कैंपेन के बारे में प्रतीक ने लिखा है, 'कुछ नफरत वादी लोग बिहार पुलिस पर जबरदस्ती दबाव बना रहे हैं ताकि मेरे ऊपर कारवाई की जाए, जबकि उस ट्वीट में ऐसा कुछ नहीं है जिससे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हो. वह राजनीतिक ट्वीट था जो हाजीपुर चुनाव पर था. मेरे समर्थन में पूरे देश से आवाज उठ रही है इसके लिए आप सभी का आभार.'