ताइवान के राष्ट्रीय ताइवान सामान्य विश्वविद्यालय (NTNU) में एक महिला फुटबॉल कोच पर छात्राओं को एकेडमिक क्रेडिट के बदले रक्तदान के लिए मजबूर करने का गंभीर आरोप लगा है. इस घटना ने सोशल मीडिया पर व्यापक आक्रोश पैदा किया है.
छात्रा ने सुनाई आपबीती
विश्वविद्यालय की एक छात्रा, जियान, ने इस घोटाले को उजागर किया. जियान ने बताया कि 61 वर्षीय कोच झोउ ताई-यिंग, जो ताइवान के फुटबॉल जगत में जानी-मानी हस्ती हैं, ने छात्राओं को अत्यधिक रक्तदान सत्रों में भाग लेने के लिए बाध्य किया. ये सत्र स्नातक के लिए आवश्यक 32 अकादमिक क्रेडिट से जुड़े थे. जियान ने कहा, "यह वास्तव में क्रेडिट के लिए रक्त और पसीना था. मैं गुस्से से उबल रही थी! लगातार आठवें दिन रक्तदान के बाद, मेरे दोनों हाथों में नसें ढूंढना मुश्किल हो गया था." उन्होंने बताया कि 14 दिनों तक, कभी-कभी दिन में तीन बार, सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक रक्त लिया जाता था.
अनुचित रक्तदान और उत्पीड़न
रक्तदान कथित तौर पर 'कैंपस शोध प्रयोगों' की आड़ में अप्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा किया जाता था. कुछ मामलों में, शोध के लिए दी जाने वाली सब्सिडी को कोच ने 'टीम फंड' के रूप में कथित तौर पर हड़प लिया. एक अज्ञात छात्रा ने बताया कि कोच के लंबे समय तक उत्पीड़न के कारण उसने अवकाश ले लिया. उसने कहा, "मेरे कॉलेज के वर्ष खुशी और वादे से भरे होने चाहिए थे, लेकिन अब पीछे मुड़कर देखने पर मुझे केवल घृणा महसूस होती है." उसने बताया कि उसके पिता की असमय मृत्यु हो गई और वह उन्हें अपनी पीड़ा नहीं बता सकी.
विश्वविद्यालय ने कोच के खिलाफ लिया कड़ा एक्शन
13 जुलाई को, एनटीएनयू ने एक बयान जारी कर झोउ को प्रशासनिक और कोचिंग भूमिकाओं से बर्खास्त करने और उन्हें किसी भी खेल टीम का नेतृत्व करने से रोकने की घोषणा की. झोउ ने एक हस्तलिखित माफी पत्र में लिखा, "मैं शामिल छात्रों, संकाय और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए हृदय से माफी मांगती हूं. मैं छात्रों को हुई भावनात्मक पीड़ा के लिए गहरा खेद व्यक्त करती हूं और आप सभी से माफी मांगना चाहती हूं." हालांकि, यह बयान और माफी पत्र बाद में विश्वविद्यालय की सोशल मीडिया पेज से हटा लिया गया.
जनता का आक्रोश
इस मामले ने जनता में गुस्सा और अविश्वास पैदा किया है. एक व्यक्ति ने कहा, "स्कूल क्रेडिट के लिए रक्त का आदान-प्रदान? 200 शीशियां लेना और फिर भी जीवित रहना? यह हत्या के प्रयास जैसा लगता है. पुलिस ने हस्तक्षेप क्यों नहीं किया?" स्थानीय शिक्षा अधिकारियों ने विश्वविद्यालय पर प्रशासनिक दंड लगाया है और सुधारात्मक कार्रवाई का आदेश दिया है.