Ahemdabad News: गुजरात के मेहसाणा जिले में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां नरौदा क्षेत्र से बीते अक्टूबर में लापता हुए एक शख्स ने 14 नवंबर को अपने ही शोक सभा में उपस्थित होकर सभी को हैरान कर दिया. दरअसल, यहां बीजापुर गांव में एक आदमी, जिसे मृत समझकर परिवार ने अंतिम संस्कार कर दिया था, वह अपने ही शोकसभा में जीवित लौट आया.फिलहाल, ये घटना गांव में चर्चा का विषय़ बनी हुई है.
इंडियन एक्सप्रेस रिपोर्ट के मुताबिक, 43 साल के बृजेश सुथार उर्फ पिंटू मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं और स्टॉक मार्केट निवेशों के चलते आर्थिक तनाव से गुजर रहे थे. जहां पर वे बीते 27 अक्टूबर को अपने घर से गायब हो गए थे. 27 अक्टूबर की दोपहर को घर से निकलने के बाद वह वापस नहीं लौटा, परिवार के लोगों ने उनकी खोज में काफी कोशिश की. थकहार कर पीड़ित के चाचा किशोरभाई सुथार ने नरौदा पुलिस थाने में बृजेश के गुमशुदा होने की एफआईआर दर्ज कराई.
परिवार ने मृत शरीर की पहचान की थी
वहीं, बीते 10 नवंबर को, बृजेश सुथार के परिवार को लगभग 11 बजे नरोदा पुलिस से फोन आया कि अहमदाबाद में साबरमती नदी से एक सड़ी-गली लाश बरामद हुई है. जिसमें पुलिस चाहती थी कि परिवार शव की पहचान करे. जिसके लिए बृजेश के बहनोई और कुछ अन्य रिश्तेदार विजापुर से अहमदाबाद पहुंचे. शव की पहचान के बाद और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर परिवार ने इसे ब्रिजेश का शव मानते हुए उनका अंतिम संस्कार किया. उसी दिन विजयपुर में उनका अंतिम संस्कार किया गया और 14 नवंबर को एक शोक सभा (बेहसना) आयोजित की गई.
ब्रिजेश की वापसी से चौंका परिवार
हालांकि, जब शोक सभा चल रही थी, तभी ब्रिजेश सुथार अपने घर वापस आ गए. इस दौरान परिवार के सदस्य और स्थानीय पुलिस इस अजीब घटना से आश्चर्यचकित रह गए.
पुलिस ने दोबारा जांच के दिए आदेश
नरौदा पुलिस ने पुष्टि की कि साबरमती नदी से मिला शव ब्रिजेश का नहीं था, और इस मामले की फिर से जांच शुरू कर दी गई है. फिलहाल, पुलिस ने शव की असली पहचान के लिए जांच के आदेश दे दिए है.बृजेश सुथार के परिवार ने कहा है कि जिस व्यक्ति का शव उन्हें सौंपा गया था, उसकी पहचान हो जाने के बाद वे उसकी अस्थियां उसके परिजनों को दे देंगे.