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प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक और रिलेशनशिप एक्सपर्ट ने बताए पति-पत्नी के बीच झगड़े के 3 प्रमुख कारण, जो बनते हैं तालक की वजह

डॉ. ट्रैवर्स का मानना है कि इन मुद्दों को समझकर और खुलकर बातचीत करके दंपति अपने रिश्ते को मजबूत कर सकते हैं. छोटे-छोटे कदम, जैसे एक-दूसरे की भावनाओं को स्वीकार करना और समाधान की दिशा में काम करना, रिश्तों को टूटने से बचा सकता है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Famous psychologist and relationship expert told 3 main reasons of fights between husband and wife b

वैवाहिक रिश्तों में उतार-चढ़ाव आम हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि झगड़ों के पीछे छिपे कारण रिश्तों की नींव को हिला सकते हैं? प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक और रिलेशनशिप विशेषज्ञ डॉ. मार्क ट्रैवर्स ने अपने शोध और 1,000 अमेरिकी वयस्कों पर किए गए YouGov सर्वे के आधार पर दंपतियों के बीच होने वाले झगड़ों के तीन प्रमुख कारणों का खुलासा किया है. आइए, इन कारणों और उनके समाधान को समझें.

1. बातचीत का लहजा और व्यवहार

"यह तुच्छ लग सकता है, लेकिन लहजा रिश्तों में जहर घोल सकता है." कटाक्ष भरा लहजा, ताने, या आंखें तरेरना अक्सर झगड़ों की जड़ बनता है. डॉ. ट्रैवर्स के अनुसार, यह अवमानना (contempt) का संकेत है, जो तलाक का एक बड़ा कारण माना जाता है. यह गैर-मौखिक संकेतों के जरिए सामने आता है और पार्टनर को ठेस पहुंचाता है. समाधान? इसके बजाय, "यह बात अपमानजनक लगी. क्या हम दोबारा शुरू कर सकते हैं?"** कहकर स्थिति को संभालें. अगर आपका लहजा कठोर है, तो अपनी अनसुनी या दबाव की भावनाओं पर ध्यान दें.

2. पारिवारिक रिश्ते
"परिवार पर झगड़े अक्सर असमंजस और असुरक्षा को उजागर करते हैं."
परिवार को लेकर असहमति, विशेष रूप से बच्चों या ससुराल से जुड़े मामले, मूल्यों के टकराव को सामने लाते हैं. एक पार्टनर को लग सकता है कि उनका साथी उनकी बजाय अपने परिवार का पक्ष ले रहा है. डॉ. ट्रैवर्स सुझाव देते हैं कि एकजुटता दिखाएं और कहें, "तुम मेरे पार्टनर हो. आइए, ऐसा समाधान ढूंढें जो हम दोनों के लिए सही हो." साथ ही, स्पष्ट सीमाएं बनाना जरूरी है.

3. घरेलू जिम्मेदारियां
"झगड़े काम के बारे में नहीं, बल्कि 'अदृश्य बोझ' के असमान बंटवारे के बारे में हैं."
घरेलू कामों में असंतुलन, जैसे अपॉइंटमेंट्स या मानसिक स्वास्थ्य का प्रबंधन, अक्सर एक पार्टनर पर पड़ता है, जिसे नजरअंदाज किया जाता है. डॉ. ट्रैवर्स कहते हैं, "मैंने नहीं देखा कि तुम इतना कुछ संभाल रही हो, धन्यवाद." कहकर इस बोझ को स्वीकार करें. इसके बाद, जिम्मेदारियों का निष्पक्ष बंटवारा करें, जो हर दिन 50/50 न हो, लेकिन स्थायी हो.

डॉ. ट्रैवर्स का मानना है कि इन मुद्दों को समझकर और खुलकर बातचीत करके दंपति अपने रिश्ते को मजबूत कर सकते हैं. छोटे-छोटे कदम, जैसे एक-दूसरे की भावनाओं को स्वीकार करना और समाधान की दिशा में काम करना, रिश्तों को टूटने से बचा सकता है.