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India Daily

10 किलो का ट्यूमर निकलवाने हॉस्पिटल पहुंची महिला, ऑपरेशन में डॉक्टर्स को पेट में मिली ऐसी चीज, देखकर किसी को नहीं हुआ आंखों पर भरोसा

कैलिफोर्निया की एक महिला पेट के 10 किलो ट्यूमर का ऑपरेशन कराने हॉस्पिटल पहुंची, लेकिन सर्जरी के दौरान डॉक्टर हैरान रह गए. ट्यूमर के पीछे गर्भाशय से बाहर पूरी तरह विकसित जीवित बच्चा मिला, जिसे सुरक्षित बाहर निकाला गया.

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Edited By: Princy Sharma
Suze Lopez Pregnancy India Daily
Courtesy: Grok

नई दिल्ली: कैलिफोर्निया से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. जहां 10 KG के ट्यूमर को निकालवाने हॉस्पिटल गई  महिला के पेट में बच्चा छिपा हुआ था. कैलिफोर्निया की 41 साल की नर्स के साथ जो हुआ, वह किसी मेडिकल चमत्कार से कम नहीं है. पेट में एक बड़े ट्यूमर माने जा रहे सच का पता चलने के बाद अनुभवी डॉक्टर भी हैरान रह गए. यह दुर्लभ और अविश्वसनीय मामला अब मॉडर्न मेडिकल साइंस की सबसे चौंकाने वाली कहानियों में से एक बन गया है.

कैलिफोर्निया के बेकर्सफील्ड की एक नर्स सूज लोपेज लंबे समय से पेट में तेज दर्द से परेशान थीं. डॉक्टरों ने उन्हें एक बड़े ओवेरियन ट्यूमर का पता लगाया था जो सालों से बढ़ रहा था. ट्यूमर इतना बड़ा हो गया था कि उसका वजन लगभग 22 पाउंड (लगभग 10 किलोग्राम) था. लगातार दर्द और परेशानी के कारण, सूज ने आखिरकार ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी करवाने का फैसला किया.

प्रेग्नेंसी टेस्ट निकला पॉजिटिव 

सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती करने से पहले, डॉक्टरों ने रूटीन मेडिकल टेस्ट किए, जिसमें प्रेग्नेंसी टेस्ट भी शामिल था. सभी को हैरानी हुई टेस्ट पॉजिटिव आया. इस नतीजे ने सूज और डॉक्टरों दोनों को चौंका दिया. सूज लगभग 17 सालों से प्रेग्नेंट होने की कोशिश कर रही थीं लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली. उनकी उम्र, अनियमित पीरियड्स और एक बड़े ट्यूमर की मौजूदगी के कारण, डॉक्टरों को शुरू में लगा कि यह टेस्ट ओवेरियन सिस्ट के कारण गलत पॉजिटिव हो सकता है.

3 दिन बाद पेट में तेज दर्द

सूज को खुद भी प्रेग्नेंसी का बिल्कुल भी शक नहीं था. उन्हें हल्के पेट दर्द और अनियमित पीरियड्स की आदत थी, इसलिए उन्होंने मान लिया कि उनके सभी लक्षण बढ़ते ट्यूमर से जुड़े हैं. ऐसे कोई साफ संकेत नहीं थे कि वह प्रेग्नेंट हैं. उनके लिए, इतने सालों की कोशिश के बाद प्रेग्नेंसी लगभग नामुमकिन लग रही थी. हालांकि, सिर्फ तीन दिन बाद, सूज को पेट में तेज दर्द के कारण अस्पताल ले जाया गया. 

गर्भाशय के बाहर बच्चा मौजूद

विस्तृत स्कैन और जांच के बाद, डॉक्टरों ने एक चौंकाने वाली खोज की. सूज एक बहुत ही दुर्लभ स्थिति से पीड़ित थीं जिसे एब्डोमिनल एक्टोपिक प्रेग्नेंसी कहा जाता है. इस स्थिति में, बच्चा गर्भाशय के बाहर, पेट की कैविटी में विकसित होता है, न कि गर्भ में. डॉक्टरों ने पाया कि सूज का गर्भाशय पूरी तरह से खाली था. बड़ा ट्यूमर अभी भी मौजूद था, लेकिन उसके साथ ही, एक पूरी तरह से विकसित बच्चा उनके लिवर के पास, पेट की कैविटी के अंदर जुड़ा हुआ बढ़ रहा था. 

दुर्लभ और बहुत खतरनाक स्थिति

सेडर्स-सिनाई अस्पताल के एक सर्जन डॉ. जॉन ओजिमेक ने बताया कि यह स्थिति अविश्वसनीय रूप से दुर्लभ और बहुत खतरनाक है. ऐसे ज्यादातर मामलों में बच्चा जीवित नहीं रह पाता क्योंकि प्लेसेंटा सुरक्षित रूप से जुड़ नहीं पाता, जिससे गंभीर अंदरूनी ब्लीडिंग होती है. मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि पेट में होने वाली एक्टोपिक प्रेग्नेंसी शायद ही कभी पूरी होती है. मां को भी बहुत ज्यादा खतरा होता है, क्योंकि अनकंट्रोल्ड ब्लीडिंग जानलेवा हो सकती है. इ

सूज ने दिया बच्चे को जन्म

सभी मुश्किलों के बावजूद, सूज का बच्चा पूरी तरह से विकसित और स्वस्थ था. 30 मेडिकल एक्सपर्ट्स की एक टीम, जिसमें सर्जन, गायनेकोलॉजिक ऑन्कोलॉजिस्ट और एनेस्थेसियोलॉजिस्ट शामिल थे, इस बहुत मुश्किल ऑपरेशन को करने के लिए एक साथ आए. सबसे पहले, उन्होंने बच्चे को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने के लिए बड़े ट्यूमर को सावधानी से एक तरफ हटाया.
बच्चे का जन्म 8 पाउंड वजन के साथ हुआ और उसका नाम रियू रखा गया. 

डिलीवरी के बाद होने लगी ब्लीडिंग 

डिलीवरी के कुछ ही देर बाद, सूज को बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने लगी जो ऐसे मामलों में एक आम और खतरनाक खतरा है. लेकिन मेडिकल टीम की तेजी से कार्रवाई और विशेषज्ञता की वजह से उनकी जान बच गई. सर्जरी में शामिल गायनेकोलॉजिक ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. माइकल मैनुअल ने कहा कि उन्होंने अपने पूरे करियर में ऐसी स्थिति में प्रेग्नेंसी को इस स्टेज तक पहुंचते हुए न तो कभी देखा था और न ही कभी सुना था.