Viral Video: कूनो नेशनल पार्क, मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित एक प्रमुख अभ्यारण्य है, जहां हाल ही में एक चीते ने शहर की सड़कों पर दौड़ते हुए लोगों को हैरान कर दिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें चीता रात के अंधेरे में सड़क पर दौड़ता हुआ नजर आ रहा है.
कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों के अनुसार, यह चीता चार दिन पहले पार्क से बाहर निकला था और श्योपुर शहर के पास पहुंच गया था. इस दौरान, चीता ने शहर के विभिन्न हिस्सों में यात्रा की और रात के समय सड़कों पर दौड़ते हुए देखा गया. यह घटना तब सामने आई जब चीते ने वीर सावरकर स्टेडियम के पास से यात्रा की और कई अन्य स्थानों को पार किया.
कहा जा रहा है कि चीता ने अपनी भूख को शांत करने के लिए एक मादा कुत्ते का शिकार किया, जिससे उसकी तात्कालिक भूख पूरी हुई. मंगलवार से बुधवार की रात, चीते को श्योपुर शहर के वीर सावरकर स्टेडियम के पास देखा गया था. इसके बाद, वह फिर से श्योपुर के बाहर स्थित बेला भीमलत गांव की ओर बढ़ा. कूनो नेशनल पार्क की ट्रैकिंग टीम लगातार चीते की स्थिति पर नजर बनाए हुए थी.
श्योपुर की सड़कों पर विचरण करता दिखा चीता, शायद #Christmas सेलिब्रेट करने निकला हो 😀#viralvideo
— अनुराग 🇮🇳 (@VnsAnuTi) December 25, 2024
मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में एक चीता रात के समय सड़कों पर घूमता दिखा, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह चीता कूनो नेशनल पार्क से छोड़ा गया 'अग्नि' बताया जा… pic.twitter.com/ZIU4oXNk59
चीते ने बुधवार सुबह बेला भीमलत गांव के पास अपनी मौजूदगी दर्ज कराई, और इसके बाद वह बावंड़ा नाला के रास्ते से होकर पुनः जंगल की ओर लौटने की योजना बना रहा है. यह क्षेत्र कूनो वन विभाग के सामान्य वन और बफर जोन से सटा हुआ है. कयास लगाए जा रहे हैं कि अब चीता जल्द ही कूनो के जंगलों में वापस लौट सकता है.
कूनो पार्क में दो चीते, आग्नी और वायु, को हाल ही में खुले जंगल में छोड़ा गया था. ये दोनों भाई हैं और हमेशा एक साथ रहते हैं. दोनों मिलकर शिकार करते हैं और अपने शिकार को बांटते हैं.
कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ, आर थिरुक्कुरल, ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि चीते की स्थिति के बारे में हम ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते, क्योंकि यह एक जंगली जानवर है और वह अपनी सुविधा के अनुसार अपना खाना और स्थान चुनता है. हमारे ट्रैकिंग टीमें 24 घंटे इसकी निगरानी कर रही हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चीता सुरक्षित तरीके से जंगल में लौटे.