देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में भालुओं की बढ़ती आवाजाही ग्रामीणों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. भटवाड़ी ब्लॉक के मल्ला गांव के डांग तोक क्षेत्र में एक भालू के पिंजरे में कैद होने से लोगों को कुछ राहत जरूर मिली है. इस पूरी घटना का वीडियो सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ है. हालांकि वन विभाग और ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में अभी भी भालुओं का खतरा पूरी तरह टला नहीं है.
मंगलवार रात मल्ला गांव के डांग तोक इलाके में लगाए गए पिंजरे में एक भालू कैद हो गया. यह पूरी घटना पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई. वीडियो सामने आने के बाद ग्रामीणों और वन विभाग को राहत मिली है. लंबे समय से गांव के आसपास भालुओं की मौजूदगी से लोग डरे हुए थे और रात के समय घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया था.
कुछ दिन पहले इसी गांव में एक मादा भालू अपने दो बच्चों के साथ जंगल से निकलकर एक घर में घुस गई थी. उस दौरान भी सीसीटीवी फुटेज सामने आया था. वीडियो में भालू घर के अंदर भोजन तलाशते नजर आए थे. भालू के बच्चे आपस में लड़ते दिखे थे, जिन्हें बाद में मादा भालू ने अलग किया. काफी देर तक तीनों भालू घर के अंदर घूमते रहे थे.
मंगलवार रात फिर से तीन भालू एक घर के आंगन में दिखाई दिए. सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि एक भालू पहले से पिंजरे के अंदर बैठा था. दूसरा भालू भी पिंजरे में गया, लेकिन गेट समय पर बंद नहीं हो पाया. जैसे ही एक भालू बाहर निकला, पिंजरे का दरवाजा बंद हो गया और एक भालू अंदर फंस गया. यह दृश्य लोगों के लिए चौंकाने वाला था.
This video is from Uttarkashi district, Bhattwadi block, Malla village, recorded late at night. Three wild bears are seen roaming freely right outside people’s homes. These are not forest sightings. This is a residential area.
— Kumaon Jagran (@KumaonJagran) December 24, 2025
If the forest department’s cage had been secured on… pic.twitter.com/HJHyBNQU6S
यदि पिंजरे का गेट कुछ सेकंड पहले बंद हो जाता, तो दो भालू एक साथ कैद हो सकते थे. सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि तीनों भालू आंगन में बेखौफ घूम रहे थे. बुधवार सुबह करीब 8 बजे वन विभाग को पिंजरे में भालू के फंसने की सूचना मिली. इसके बाद विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जरूरी कार्रवाई शुरू की गई.
टकनौर क्षेत्र के रेंजर रूप मोहन नौटियाल ने बताया कि पिंजरे में कैद भालू को उत्तरकाशी वन प्रभाग कार्यालय लाया जा रहा है. शासन से अनुमति मिलने के बाद उसे सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में अन्य जगहों पर भी पिंजरे लगाए गए हैं. ग्रामीणों से अपील की गई है कि जंगल में अकेले न जाएं और किसी भी जंगली जानवर की सूचना तुरंत वन विभाग को दें.