लोकसभा में राहुल गांधी ने आरोप लगाए थे कि NEET पर बोलने के दौरान उनका माइक बंद कर दिया गया था. कांग्रेस ने बाद में कहा कि लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का माइक बंद करना ठीक नहीं है. अब इस पर लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने अपना पक्ष रखा है. उन्होंने खुद पर लग रहे आरोपों के बाद कहा है कि वह माइक कंट्रोल नहीं करते हैं और न ही वह किसी का माइक बंद करते हैं.
आज लोकसभा में चर्चा के दौरान ओम बिरला ने कहा कि उन्होंने किसी भी स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति नहीं दी है. उन्होंने सांसदों को समझाते हुए कहा कि लोकसभा स्पीकर इस पर अपना फैसला दे चुके हैं और उनका फैसला सर्वमान्य होता है. इसी को लेकर संसद में हंगामा शुरू हो गया. इसके बाद ओम बिरला, 'मेरे लिए एक विषय गंभीर चिंता का है, कई सदस्य आरोप लगाते हैं कि माननीय अध्यक्ष, पीठासीन अधिकारी या आसन पर बैठे व्यक्ति माइक बंद कर देते हैं.'
ओम बिरला ने आगे कहा, 'आपका अनुभव है, आप मुझसे भी वरिष्ठ हैं. आसन से एक व्यवस्था रहती है, जिसका नाम पुकारा जाता है, वह अपनी बात रखता है. आसन से व्यवस्था के हिसाब से माइक का कंट्रोल चलता है. आसन पर बैठे व्यक्ति के पास माइक का कंट्रोल, रिमोट या बटन नहीं होता है. आसन पर सभी दल के लोग बैठते हैं. सब इसी तरह से सदन चलाते हैं. आसन की हमेशा मर्यादा रही है कि आप इस तरह का आक्षेप नहीं करेंगे तो उचित रहेगा.'
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